Union Budget 2023-24 क्यों है महत्वपूर्ण जानें आसान भाषा में

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत प्रत्येक साल सरकार को फाइनेंसियल ईयर प्रारंभ होने के पहले अपना बजट पेश करना होता है। जिसके अनुसार फाइनेंसियल ईयर के खर्चे तथा आमदनी का लेखा-जोखा प्राप्त होता है। केंद्रीय बजट को हम Union Budget के नाम से जानते हैं, जो एक वित्तीय वर्ष के खर्चे तथा आमदनी को दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 1अप्रैल से 31 मार्च तक का होता है। इससे पहले सरकार को केंद्रीय बजट या यूनियन बजट पेश करना होता है। केंद्रीय बजट को ही हम यूनियन बजट के नाम से जानते हैं। सन 2023-24 के लिए वित्त मंत्री सीतारमण ने 1 फरवरी को सन 2023-24 के लिए वित्तीय बजट की घोषणा की है।

इस बजट में सरकार ने विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी है, तथा एक वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा प्रत्येक विभाग तथा योजना के लिए कितना रेवेन्यू दिया गया है, इसके बारे में बताया है, साथ ही साथ विभिन्न योजनाओं से सरकार को एकत्रित होने वाले रेवेन्यू की जानकारी देती है। यूनियन बजट 2023-24 मई वित्त मंत्री सीतारमण ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत महिलाओं के लिए महिला सम्मान बचत पत्र योजना की घोषणा की है, जिसमें महिलाओं को काफी लाभ मिलने वाला है।

बजट क्या होता है

यूनियन बजट क्या होता है

बजट एक वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा खर्च किए गए तथा रिवेन्यू द्वारा एकत्रित किए गए पैसों का लेखा-जोखा होता है। इसमें सरकार विभिन्न क्षेत्रों में नागरिकों के हित के लिए कुछ योजनाएं लाती है, तथा इनकम टैक्स के साथ-साथ अन्य विभिन्न क्षेत्रों में पड़ने वाले टैक्स का हिसाब रखती है। बजट, सरकार के व्यय, कर लगाने की योजना है और अन्य लेनदेनों, जो अर्थव्यवस्था और नागरिकों के जीवन को प्रभावित करते हैं, का ब्लूप्रिंट होता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, एक किसी विशिष्ट वित्तीय वर्ष के केंद्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण (AFS) कहा जाता है।

यूनियन बजट 2023-24 के तहत वित्त मंत्री सीतारमण ने सरकार की तरफ से केंद्रीय बजट पेश किया है, जिसमें सैलरी पर कार्य कर रहे व्यक्तियों के लिए ₹700000 तक में जीरो इनकम टैक्स की घोषणा की है, अर्थात ₹700000 वार्षिक कमाने वाले व्यक्ति को इनकम टैक्स देने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही साथ किसानों, उद्योगपतियों, विद्यार्थियों तथा महिलाओं व सीनियर सिटीजन के लिए भी बहुत सारी योजनाओं का ऐलान किया है। 

यूनियन बजट 2023-24 Union Budget 2023-24 (केंद्रीय बजट 2023-24)

यूनियन बजट 2023-24

एक वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा अनुमानित दे राशि तथा प्राप्त राशि का लेखा-जोखा यूनियन बजट कहलाता है। भारत में वित्तीय वर्ष 1अप्रैल से 31 मार्च तक होता है। वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने के पहले केंद्र सरकार के द्वारा यूनियन बजट जिसे हम केंद्रीय बजट के नाम से भी जानते हैं, को पेश करना होता है, जिसमें वित्तमंत्री या राष्ट्रपति सरकार द्वारा अनुमानित दे राशि तथा प्राप्त राशि जिसे हम रेवेन्यू के नाम से जानते हैं, को प्रकाशित करना होता है।

इस बजट में सरकार देश के प्रत्येक वर्ग तथा प्रत्येक क्षेत्र के बारे में कुछ निश्चित धनराशि व्यय करती है, जो सरकार के पास विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले रिवेन्यू से प्राप्त होती है, तथा देश के विकास के लिए देश के नागरिकों के हित में विभिन्न प्रकार की योजनाएं निकालती है, जिससे देश के प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति को लाभ प्राप्त हो सके, और वह देश के विकास में सहभागिता प्रदान करे। केंद्रीय बजट या यूनियन बजट 2 प्रकार का होता है

  • पूंजीगत बजट। 
  • राजस्व बजट।

पूंजीगत बजट

पूंजीगत बजट

इस बजट के अंतर्गत जनता से प्राप्त होने वाले हैं रेवेन्यू तथा जनता को सुविधाएं देने के लिए खर्च होने वाले पूंजी की गणना की जाती है, इसके अंतर्गत पूंजीगत प्राप्त तथा भुगतान किए जाने वाले खर्च शामिल होते हैं। यह बजट आम जनता तथा देश के सामान्य नागरिक से जुड़ा होता है, जिसके अंतर्गत भारतीय नागरिक तथा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्राप्त होने वाले इनकम टैक्स के पैसे का विवरण तथा था लोगों और भारतीय जनता को दी जाने वाली सुविधाएं,

जैसे- चिकित्सा तथा शिक्षा तथा विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपकरण तथा उनकी सुविधाओं में खर्च किए जाने वाले पैसे का लेखा-जोखा रखा जाता है। पूंजीगत बजट सामान्य जनता को प्रभावित करता है, जैसे- इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सैलरी पर काम कर रहे भारतीय नागरिकों को ₹700000 तक की सैलरी पर इनकम टैक्स में छूट दी है जो अभी तक ₹500000 था।

राजस्व बजट

राजस्व बजट

राजस्व बजट भारत सरकार द्वारा प्राप्त किए गए राजस्व कर का लेखा-जोखा रखता है, इसके अंतर्गत राजस्व से प्राप्त टैक्स तथा सरकार द्वारा खर्च किए गए रुपए का लेखा-जोखा होता है, इसमें टैक्स तथा दूसरे राज्य से होने वाली सरकारी इनकम को दर्शाया जाता है। राजस्व से प्राप्त इनकम यदि कुल खर्च होने वाले राजस्व से अधिक है, तो सरकार को घाटे का सामना करना पड़ता है। राजस्व बजट वह आय है, जो किसी व्यवसाय को उसकी सामान्य व्यावसायिक गतिविधियों से होती है, आमतौर पर यह आय वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री ग्राहकों को करके प्राप्त होती है। संप्राप्ति को बिक्री या कारोबार के नाम से भी जाना जाता है। परन्तु राज्य अर्थात सरकार द्वारा अर्जित संप्राप्ति को राजस्व कहा जाता है।

केंद्रीय बजट Union Budget का महत्व

केंद्रीय बजट का महत्व

केंद्रीय बजट का मुख्य उद्देश्य सामाजिक न्याय तथा स्वास्थ्य के साथ-साथ देश की उन्नति तथा विकास के लिए जिम्मेदार होता है। जिससे देश की दशा तथा विकास की सीमाएं होती हैं, केंद्रीय बजट के द्वारा देश के प्रत्येक नागरिक तक सुविधाएं तथा योजनाओं को पहुंचाने का कार्य किया जाता है, जिससे कि देश के प्रत्येक नागरिक का समुचित विकास हो सके यूनियन बजट 2023-24 में प्रधानमंत्री आवास योजना तथा ग्राम पंचायत मनरेगा सहित विभिन्न प्रकार की अन्य योजनाओं के बारे में ध्यान दिया गया है। देश के सर्वांगीण विकास के लिए वित्त मंत्री सीतारमण ने देश के केंद्रीय बजट को महत्व देने के लिए 2023-24 के वित्तीय बजट में निम्नलिखित योजनाओं का लोकार्पण किया हुआ है। जो निम्नलिखित हैं

  • बेरोजगारी तथा गरीबी के स्तर को कम कर।
  • 7 लाख रुपए तक इनकम टैक्स नहीं।
  • महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र।
  • धन और आय की असमानताओं को कम करना। 
  • बढ़ती हुई कीमतों को नियंत्रित करना।
  • बचत बैंक खातों की सीमा में बढ़ोतरी करना।
  • किसानों को मिला नया तोहफा।
  • विश्वकर्मा सम्मान योजना। 

बेरोजगारी तथा गरीबी के स्तर को कम करेगा

बेरोजगारी तथा गरीबी के स्तर को कम करेगा

केंद्रीय बजट का उद्देश्य भारत के आम नागरिक को रोटी कपड़ा मकान जैसे जरूरतों को पूरा करने का भी होता है। केंद्रीय बजट का उद्देश्य गरीबी को खत्म करना और अधिक से अधिक रोजगार दिलाने की तरफ कार्य करना है, जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिल सके और प्रत्येक गरीब को उसकी प्राथमिक जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान प्राप्त हो सके, तथा इस बजट के अंतर्गत सरकार को भारतीय नागरिक की शिक्षा तथा उसके स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का ध्यान रखना भी बहुत आवश्यक होता है। यदि भारत में सरकार रोजगार उपलब्ध कराती है तो निश्चित रूप से ही लोगों की प्राथमिक जरूरतें पूरी होंगी और गरीबी स्तर कम हो जाएगा।

7 लाख रुपए तक इनकम टैक्स में छूट

7 लाख रुपए तक इनकम टैक्स में छूट

यूनियन बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने घोषणा की है कि, सैलरीड व्यक्तियों को ₹700000 कि इनका पर भारतीय संविधान की धारा 87A के तहत इनकम टैक्स में छूट दी जाएगी। यह सीमा अभी तक ₹500000 तक की थी जो इस बजट में बढ़ाकर ₹700000 कर दी गई है, तथा इसमें अन्य विभिन्न प्रकार के बदलाव हुए हैं जिनका विश्लेषण आगे आने वाले समय में सरकार द्वारा स्पष्ट किया जाएगा। 1 फरवरी को पेश होने वाले यूनियन बजट 2023-24 में विभिन्न प्रकार की अन्य टैक्स से संबंधित योजनाएं परिवर्तित की गई हैं, जिनके बारे में आगे आने वाले समय में वित्त मंत्री तथा वित्त मंत्रालय द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही साथ इनकम टैक्स स्लैब में भी परिवर्तन किए गए हैं।

महिला सम्मान बचत प्रमाण पत्र

महिला सम्मान बचत प्रमाण पत्र

वित्तीय वर्ष 2023-24 का यूनियन बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं के अल्पकालिक बचत योजना का शुभारंभ किया है। महिला सम्मान बचत प्रमाण पत्र योजना के अंतर्गत 2 साल से अधिक कोई भी महिला या लड़की इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना पहले से चलाई जा रही सुकन्या समृद्धि योजना तथा अन्य महिला तथा लड़कियों से संबंधित योजनाओं की तरह है, जो पोस्ट ऑफिस तथा बैंकों द्वारा संचालित की जाएगी Mahila Samman Saving Certificate योजना के अंतर्गत महिलाएं अधिकतम ₹200000 को बैंक तथा पोस्ट ऑफिस अकाउंट में एकमुश्त जमा कर सकती हैं, जिस पर उन्हें 7.5% वार्षिक ब्याज प्राप्त होगा, जो अब तक चलाई जा रही सभी प्रकार की ब्याज दरों में सबसे अधिक है।

महिलाओं बचत योजना के अंतर्गत भारत के किसी भी राज्य में निवास कर रहे कोई भी महिला इस योजना का लाभ उठा सकती है। अभी तक महिलाओं के लिए चलाई जा रही सुकन्या समृद्धि योजना में सबसे अधिक ब्याज दर 7.5% था, जो सबसे अधिकतम था, किंतु केंद्रीय बजट के पेश करने के पश्चात केंद्र सरकार द्वारा आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के अंतर्गत महिलाओं के लिए Mahila Samman Saving Certificate योजना का शुभारंभ किया है, जिसमें ब्याज दर 7.5% वार्षिक है जो केवल 2 साल तक के लिए ही मान्य है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक महिला एक अकाउंट में ₹200000 तक का निवेश कर सकती है, तथा एक महिला केवल एक बार ही इसका लाभ ले सकती है।

धन और आय की असमानताओं को कम करना

धन और आय की असमानताओं को कम करना

बजट की सब्सिडी द्वारा सरकार करो ओके माध्यम से आय के वितरण को प्रभावित करती है, इसके तहत सरकार उच्च वर्ग तथा निम्न वर्ग में समानता स्थापित करना चाहती है, जिससे उच्च आय वर्ग पर सरकार अधिक इनकम टैक्स लगाती है, जिससे उनकी उनकी बढ़ने वाली आय एक सीमा में निश्चित रहे वहीं सरकार निम्न आय वर्ग के व्यक्तियों को कर में छूट देकर यह कोशिश करती है, कि उनकी इनकम बढ़े और उनके पास अपने खर्चों की पूर्ति के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध रहे। इस प्रकार सरकार निर्णायक तथा उच्च वर्ग टैक्स को घटा बड़ा करके आय की समस्याओं को बराबर करने की कोशिश करती है।

बढ़ती हुई कीमतों को नियंत्रित करना

बढ़ती हुई कीमतों को नियंत्रित करना

केंद्रीय बजट महंगाई की उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए भी बनाया जाता है। इसके द्वारा बाजार की आर्थिक उतार-चढ़ाव को नियंत्रित किया जाता है, तथा महंगाई में भी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना बजट का मुख्य उद्देश्य होता है। मुद्रास्फीति के समय अधिशेष बजट की नीतियों को लागू किया जाता है, वही अपस्फीति घाटे के बजट नीतियों को लागू किया जाता है। इस प्रकार केंद्रीय बजट अर्थव्यवस्था के महंगाई को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है, इस प्रकार विश्व के आर्थिक मंदी तथा महंगाई का प्रभाव सामान्य नागरिक पर कम होता है, जिससे सामाजिक व्यवस्थाएं बनी रहते हैं। 

बचत बैंक खातों की सीमा में बढ़ोतरी करना

बचत बैंक खातों की सीमा में बढ़ोतरी करना

नए केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बचत बैंक खातों में अधिकतम सीमा बढ़ाकर ₹900000 से 1500000 रुपए कर दी है, तथा सीनियर सिटीजन स्कीम लिमिट के तहत सिंगल अकाउंट में ₹300000 तथा ज्वाइंट बैंक अकाउंट में बढ़ाकर ₹600000 कर दी है, इसके साथ ही अन्य विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ोतरी की गई है। आयकर की सीमा को बढ़ाकर ₹500000 के स्थान पर ₹700000 कर दिया गया है। केंद्रीय बजट में देश के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में संभावित परिवर्तनों को भी निर्धारित करता है। बजट के माध्यम से आयकर दरों और कर ब्रैकेट में बदलाव लाने की भी घोषणा करती है। केंद्रीय बजट वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है और देश की आर्थिक स्थिति पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है।

किसानों को मिला नया तोहफा 

किसानों को मिला नया तोहफा 

यूनियन बजट 2023 24 में सरकार ने किसानों को एक नया तोहफा दिया है, इस बजट के अंदर किसानों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं लागू की गई हैं, तथा उन्हें आर्थिक सहायता देने के लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए का ऋण बांटने का योजना बनाई है।

जिससे किसान अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें और कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ सके साथ ही साथ मोटे अनाजों जैसे बाजरा तथा ज्वर की पैदावार पर जोर देने के लिए कहा है, जिससे इन मोटे अनाजों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई जा सके। मोटे अनाज को विश्व स्तर पर पहुंचाने के लिए श्री अन्न योजना लागू की गई है, जिससे छोटे किसान तथा आदिवासियों के क्षेत्र में खेती कर रहे किसानों को आर्थिक संबल मिलेगा तथा मोटे अनाजों का सेवन करने से देशवासियों को स्वस्थ जीवन मिलेगा। इस योजना को प्रधान मंत्री सम्मान निधि योजना की तरह जारी किया गया है,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटे अनाज को सुपर फूड के नाम से संबोधित किया है। 

विश्वकर्मा सम्मान योजना 

यूनियन बजट 2023-24

 

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल योजना के अंतर्गत देश के विभिन्न प्रकार के क्षेत्र में कार्य तथा निर्माण करने वाले छोटे बड़े कारीगरों को लाभ प्राप्त होगा। इस योजना के अंतर्गत शिल्पकारों तथा अलग-अलग क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की चीजों को तैयार करने वाले कुशल कारीगरों को मदद की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत उन्हें ट्रेनिंग तथा फंडिंग प्रदान की जाएगी, जिससे वह विभिन्न प्रकार के तकनीकी सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकें। इस योजना को पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के नाम से भी कहा जा रहा है। हिंदू-मुस्लिम दोनों प्रकार के समुदाय में विभिन्न प्रकार के लोग आते हैं- जैसे कुम्हार, बढ़ाई, लोहार, सुनार तथा दर्जी आदि कारीगरों को इस स्कीम के अंतर्गत शामिल किया जाएगा।

यूनियन बजट 2023-24 (Union Budget 2023-24) में क्या सस्ता हुआ क्या महंगा

यूनियन बजट 2023-24

जैसे ही बजट 2023-24 की घोषणा हुई तथा निर्मला सीतारमण द्वारा इसका वर्णन किया गया, तो देश के प्रत्येक नागरिक सबसे पहले क्या महंगा हुआ क्या सस्ता हुआ इसके बारे में सोचने लगता है। इसलिए आज हम आपको इस साल के केंद्रीय बजट में खिलौना, साइकिल, ऑटोमोबाइल, मोबाइल फोन, कैमरा लेंस, इलेक्ट्रिक व्हीकल, एलइडी टीवी आदि सस्ते हुए हैं। साथ ही साथ सोना, प्लैटिनम से बने ज्वेलरी, शराब, किचन चिमनी, सिगरेट तथा विदेश से आने वाले चांदी के गहने महंगे हुए हैं। 

निष्कर्ष

प्रत्येक वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार द्वारा आगामी वर्ष में खर्चे तथा योजनाओं को संचालित करने के लिए तथा राजस्व से प्राप्त आय का वर्णन किया जाता है, जिसमें देश के नागरिकों के हित तथा विकास के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं तथा उन को संचालित करने में खर्चे का प्रबंध किया जाता है। प्रत्येक साल की तरह इस साल भी केंद्रीय बजट 2023-24 (Union Budget 2023-24) वित्त मंत्री सीतारमण जी द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें देश के प्रत्येक नागरिक निम्न आय वर्ग से लेकर उच्च आय वर्ग के व्यक्तियों का ध्यान रखा गया है, इसमें सामान्य कारीगरों महिलाओं किसानों तथा उद्योगों से संबंधित सभी प्रकार के वर्ग को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया गया है।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा यूनियन बजट 2023 24 को ऐतिहासिक बजट के रूप में घोषित किया गया है, जो देश के लिए एक उपलब्धि बताई जा रही है। इस बजट में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए तथा रोजगार उपलब्ध कराने की विभिन्न योजनाओं को नजर में रखा गया है, जो देश को गरीबी रेखा से ऊपर लाने में मदद करेंगे तथा देश की गरीबी मिटा कर महंगाई को संतुलित करने का कार्य भी करेंगी।

लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न

भारत के बजट मंत्री कौन है?

India का बजट मंत्री देश का वित्त मंत्री होता है, जो इस समय निर्मला सीतारमण जी हैं, भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने 1 फरवरी 2023 को 2023-24 का वित्तीय बजट घोषित किया है, जिसमें उन्होंने महंगाई कम करने तथा बेरोजगारी समाप्त करने के विभिन्न मुद्दों पर बात की है। साथ ही साथ महिलाओं तथा किसानों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं लागू की है, जिससे किसानों तथा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

भारत का बजट कितना है?

देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2023 को वित्तीय वर्ष 2023-24 का यूनियन बजट पेश किया है, उन्होंने केंद्रीय बजट की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी है, कि इस साल का बजट 5.94 लाख करोड़ रुपए का है, जो वित्तीय वर्ष 2022 23 से 12.95% अधिक है। जिसमें सभी प्रकार के वर्ग के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराए गए हैं।

बजट कितने प्रकार के होते हैं?

भारतीय अर्थशास्त्र के अनुसार बजट मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं, जो देश के विकास तथा उन्नति के लिए कार्य करते हैं। साथ ही साथ मुद्रास्फीति कम होने पर भी देश में सामंजस्य बनाए रखने का कार्य बजट के द्वारा किया जाता है। यह निम्नलिखित तीन प्रकार के होते

  • अधिशेष बजट। 
  • संतुलित बजट।
  • घाटा बजट। 

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