लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं जो बनाएंगी महिलाओं को आत्मनिर्भर

आज भी महिलाओं की भ्रूण हत्या तथा दहेज उत्पीड़न से जुड़े हजारों केस सामने आते हैं, जिनमें महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है, तथा उनको समाज में समान दर्जा नहीं दिया जाता है, जिसके कारण महिलाएं शिक्षा तथा विकास के क्षेत्र में पीछे होती जा रही है। सरकार द्वारा महिलाओं के विकास के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं, किंतु जानकारी के अभाव में ये योजनाएं महिलाओं तक नहीं पहुंच पाती है, जिसके कारण देश की 70% महिलाएं सरकार द्वारा चलाई गई विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रही हैं। महिलाओं के भ्रूण हत्या से लेकर लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं।

आज हम इन्हीं योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे जिन से महिलाएं अपने अधिकार को समझ सके, और सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हुए अपने आप को पुरुषों के बराबर स्थापित करने में सफलता हासिल करें। आजादी के बाद भारत ने 75 वी वर्षगांठ मनाई गई भारत इस समय एक विकासशील देश है, तथा देश में विभिन्न क्षेत्रों में विकास हो रहा है। भारत विश्व के साथ विभिन्न क्षेत्रों में संबंध स्थापित कर रहा है, तथा अपने आप को विश्व के सामने प्रदर्शित कर रहा है। किंतु भारत में महिलाओं की स्थिति जैसी की तैसी बनी हुई है।

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लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं

किसी भी देश तथा देश के नागरिकों के विकास के लिए उनका शिक्षित होना बहुत ही आवश्यक होता है, क्योंकि यदि देश के नागरिक शिक्षित होते हैं, तो वे अपना विकास स्वयं करने में सक्षम होते हैं, किंतु भारत में महिलाओं की शिक्षा पर अधिक ध्यान ना देने के कारण महिलाएं विकास की दौड़ में पुरुषों से पीछे हैं। इसका उत्तरदायित्व भारतीय समाज तथा भारतीय सरकार दोनों पर जाता है, क्योंकि भारतीय समाज पुरुष प्रधान होने के कारण महिलाओं के विकास पर ध्यान नहीं देता है, तथा अल्प शिक्षा तक ही सीमित रखता है इसलिए आधुनिक समय में सरकार ने लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं बनाई हैं, जिससे लड़कियां यदि पढ़ेंगी तो वे अपना समुचित विकास करने में सक्षम रहेंगी।

आधुनिक समय में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार ने मिलकर महिलाओं के उत्थान के लिए विभिन्न प्रकार की महिला शिक्षा तथा विकास से संबंधित योजनाएं चला रखी हैं, जिनके द्वारा देश की लाखों महिलाएं अपने आप को विकसित कर रही हैं, तथा पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। किंतु जो महिलाएं इन योजनाओं से अनभिज्ञ हैं, उनको इन योजनाओं के बारे में जानने की आवश्यकता है, जिससे वह भी अपना विकास कर सके तथा महिलाओं के विकास में देश का सहयोग कर सकें। 

सरकार की लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं

सरकार की लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं

सरकार द्वारा चलाइ जा रही विभिन्न प्रकार की महिला योजनाओं का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर तथा शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है, जिसके द्वारा समाज की लड़कियों को शिक्षा के प्रति जागरूकता प्राप्त होती है। वह उच्च शिक्षा ग्रहण करके भारत के विकास में सहयोग कर सकें, भारत के आजादी के 75 साल बाद भी महिलाएं पुरुषों पर निर्भर हैं, क्योंकि महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर नहीं मिल पाया है। इसका मुख्य कारण भारतीय शिक्षा व्यवस्था तथा सरकार की विभिन्न योजनाएं हैं। किंतु आधुनिक समय में सरकारें महिलाओं को शैक्षिक तथा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही है, जिनके द्वारा महिलाएं शिक्षा तथा व्यवसाय के क्षेत्र में सामने आ रही है, तथा देश के विकास में सहयोग कर रही हैं।

आधुनिक समय में भारत की साक्षरता दर 77.7% है, जिसमें केवल पुरुषों की साक्षरता दर 84.7% है, वहीं महिलाओं की साक्षरता दर 70.3% है, इस प्रकार पुरुष तथा महिलाओं की साक्षरता दर में 14% का अंतर देखने को मिलता है। यही कारण है, कि महिलाएं पुरुषों से पीछे हैं, महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारें लगातार प्रयास कर रहे हैं, जिसके लिए वे समय-समय पर महिलाओं को शिक्षा संबंधी विभिन्न प्रकार की योजनाएं लागू करती हैं। सरकार द्वारा लड़कियों के उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं, वह निम्नलिखित हैं 

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं

  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।
  • धनलक्ष्मी योजना।
  • कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना।
  • सुकन्या समृधि योजना।
  • सीबीएसई छात्रवृति योजना। 
  • बालिका समृधि योजना।
  • मुख्यमंत्री राजश्री योजना। 
  • मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना।
  • माझी कन्या भाग्यश्री योजना।
  • मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना।
  • नंदा देवी कन्या धन योजना। 
  • पश्चिम बंगाल कन्याश्री प्रकल्प।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना महिला बाल विकास मंत्रालय स्वास्थ्य बाल विकास मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय तीनों की संयुक्त पहल थी, जिसका उद्देश्य देश में महिलाओं की लिंगानुपात में कमी को प्रोत्साहित करना है। जिससे महिलाओं के लिंगानुपात में वृद्धि की जा सके, तथा उनको प्रोत्साहित करके शिक्षा तथा अन्य सामाजिक कार्यों के लिए तैयार किया जा सके।

इस योजना की शुरुआत 2015 में केंद्र सरकार द्वारा की गई जिसके द्वारा महिलाओं के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाई गई, और  बालिकाओं की उच्च शिक्षा की तरफ ध्यान दिया गया। लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिले की कक्षा 10वीं और 12वीं में पास हुई टॉप 10 लड़कियों को ₹5000 की सहयोग राशि प्रदान की है, तथा जिले की इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉप लड़कियां जो उच्च शिक्षा के लिए नामांकन करवाती हैं, उनको ₹20000 की सहयोग राशि प्रदान की जाती है। इस योजना का लाभ आधुनिक समय में प्रत्येक राज्य की लड़कियों को मिल रहा है, जिसके द्वारा लड़कियां अपने उच्च शिक्षा को पूरा करती हैं। 

धनलक्ष्मी योजना

धनलक्ष्मी योजना

केंद्र सरकार द्वारा सन 2008 में धन लक्ष्मी योजना की शुरुआत की गई थी, इस योजना के अंतर्गत कम आय वर्ग के लड़कियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए इस योजना की शुरुआत पायलट योजना के रूप में लड़कियों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती थी, किंतु उसके पश्चात सरकार द्वारा अन्य विभिन्न प्रकार की आकर्षक सरकारी योजना को लागू करने के पश्चात धन लक्ष्मी योजना लगभग समाप्त हो गइ है।

इसकी जगह पर अन्य विभिन्न प्रकार की योजनाओं ने स्थान ले लिया है। यह केंद्र सरकार की योजना के केंद्रीय मुख्य रूप से केवल 6 राज्यों में चलाई गई थी, जिसमें आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा और पंजाब हैं, जिन के कुछ चिन्हित जिलों में ही इस योजना को लागू किया गया था, जहां पर महिलाओं की दशा बहुत ही दयनीय थी। आधुनिक समय में इस योजना को बंद कर दिया गया है या फिर अप्रत्यक्ष रूप से इस योजना को अन्य विभिन्न प्रकार की योजनाओं में परिवर्तित कर दिया गया है। 

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना

Kastooraba गांधी बालिका विद्यालय योजना सन 2004 में सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जो महिलाओं की प्राथमिक शिक्षा के लिए मुफ्त में आवासीय विद्यालय उपलब्ध कराती थी। यह योजना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों के लिए है। जिसके द्वारा महिलाओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाता था, तथा उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए घर से दूर रहने पर शिक्षा तथा आवास की मुफ्त व्यवस्था की जाती है, जिसमें लड़कियों को आवासीय हॉस्टल तथा भोजन सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। कस्तूरबागांधी बालिका विद्यालय योजना देश के पिछड़े क्षेत्रों में संचालित की जा रही है। जहां पर महिलाओं को उचित व्यवस्था नहीं है, तथा जिन  ग्रामीण क्षेत्रों में महिला साक्षरता दर कम है।

ऐसे क्षेत्रों में इस योजना को संचालित किया जा रहा है, जिसके द्वारा देश में हजारों लड़कियां अपने घर से बाहर रहते हुए बिना किसी खर्चे के मुफ्त में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं, तथा उच्च शिक्षा के लिए अन्य विभिन्न प्रकार की योजनाओं का सहयोग लेकर शिक्षा प्राप्त कर रही हैं, तथा देश के विकास में सहयोग कर रही हैं।

सुकन्या समृधि योजना

सुकन्या समृधि योजना

भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही सुकन्या समृद्धि योजना एक बचत योजना है, जिसकी देखरेख राष्ट्रीय बचत संस्थान, वित्त मंत्रालय द्वारा की जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लड़कियों के मां-बाप को उनके शिक्षा तथा शादी विवाह के लिए समृद्ध बनाना है। सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत 1 साल में ₹250 से लेकर ₹150000 तक का निवेश करने का प्रावधान बनाया गया है। इस योजना के अंतर्गत निवेश करने वाली राशि तथा उस पर मिलने वाला ब्याज उसके पश्चात परिपक्वता राशि पूर्ण रूप से टैक्स फ्री है। इस पर किसी प्रकार का कोई कर नहीं लिया जाता है।

खाताधारक लड़की के 18 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात आंशिक निकासी तथा 21 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात पूर्ण निकासी की अनुमति मिलती है। 21 वर्ष के पूर्व आप इस अकाउंट से पूरा पैसा नहीं निकाल सकते हैं, जिसका उद्देश्य 18 वर्ष से पूर्व लड़की की शिक्षा पर खर्च होने वाला पैसे के रूप में आप इससे आधा पैसा निकाल सकते हैं, तथा 21 वर्ष पश्चात लड़की की शादी करने के लिए आपके अकाउंट से पूरी राशि निकाल सकते हैं। यह राशि आपको ब्याज सहित प्राप्त होती है, किंतु इस पर किसी प्रकार का सरकारी टैक्स नहीं लगता है, यह पूर्ण रूप से कर मुक्त राशि होती है, जिसका प्रयोग लड़कियों के शिक्षा तथा शादी पर किया जाता है। 

सीबीएसई छात्रवृति योजना 

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन छात्रवृत्ति योजना कारण अच्छे नंबर लाने वाले मेधावी छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना का लाभ दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत यदि कोई बालिका सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की 12वीं कक्षा में 60% से अधिक अंक लाती है, तो उसे आगे की शिक्षा को पूरी करने के लिए छात्रवृत्ति के रूप में ₹500 प्रति माह दिए जाते हैं।

यह ₹500 उसके खाते में सीधे ट्रांसफर होते हैं, जो ग्रेजुएशन कंप्लीट होने तक लगातार जाते रहते हैं। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक तथा सामाजिक रूप से पिछड़े महिलाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे वह अपने शिक्षा को जारी रख सके तथा सरकार द्वारा लड़कियों के उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं जो चलाई जा रही हैं, उनका लाभ ले सके इस योजना का लाभ पाने के लिए आपको सीबीएससी एफिलिएट किसी विद्यालय से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई करना अनिवार्य है, तथा इसके साथ ही आप अपने माता पिता की एकमात्र संतान होना जरूरी है। यदि आप इस योजना का लाभ लेना चाहती हैं, तो आप सीबीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर इसके लिए अप्लाई कर सकती हैं।

बालिका समृधि योजना

बालिका समृधि योजना

महिला और बाल विकास मंत्रालय की तरफ से चलाई जा रही बालिका समृद्धि योजना गरीब तथा बीपीएल परिवारों की लड़कियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की उत्तम योजना है, जिसके तहत बालिका के जन्म होने पर बालका की मां को ₹500 की सहायता राशि दी जाती है, उसके पश्चात प्रत्येक वर्षा उसके पे ग्रेड के अनुसार एक से दसवीं तक के पढ़ाई के लिए प्रत्येक साल 300 से ₹1000 सहायता राशि प्रदान की जाती है। यह बालिका के बैंक अकाउंट में जमा की जाती है, तथा कालिका के 18 साल होने के पश्चात बालिका उसे निकाल सकती है। इस योजना का उद्देश्य बालिका के जन्म होने पर बालिका तथा बालिका के मां के प्रति परिवार तथा समाज के नकारात्मक सोच तथा नकारात्मक रवैए में बदलाव लाने की पहल के लिए है।

इस योजना द्वारा देश की बालिकाओं को प्रोत्साहित करने तथा उन को शिक्षा के प्रति आगे बढ़ने का अवसर दिया जाता है, जिससे बालिकाएं समाज में प्रतिष्ठा तथा सम्मान पाती हैं, तथा अपने भविष्य को उज्जवल बनाने में सहायता प्राप्त करती हैं। 

मुख्यमंत्री राजश्री योजना 

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं

राजस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रही मुख्यमंत्री राजश्री योजना राजस्थान के बालिकाओं के लिए बहुत है अच्छी योजना है। इस योजना के अंतर्गत लड़कियों को सम्मान तथा प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के कदम उठाए गए हैं, जिससे लड़कियों को समाज में समान सम्मान तथा अधिकार प्राप्त हो सके, तथा लड़की और लड़के के मध्य होने वाले भेद को समाप्त किया जा सके। इस योजना के अंतर्गत यदि कोई महिला किसी लड़की को जन्म देती है, तो सरकार द्वारा लड़की के जन्म पर उसे ₹2500 की सहायता राशि दी जाती है।

उसके पश्चात लड़की के किसी स्कूल में प्रवेश लेने के पश्चात उसे शिक्षा सहायता के रूप में ₹4000 की सहायता प्रदान की जाती है, कक्षा 5 पास करने के पश्चात यदि बालिका कक्षा 6 में एडमिशन लेती है, तो एडमिशन के पश्चात उसे ₹5000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है, तथा कक्षा 10 की परीक्षा अध्ययन करने के पश्चात यदि बालिका द्वारा 11 वीं में एडमिशन कराया जाता है, तो बालिका के खाते में ₹11000 की राशि सरकार द्वारा ट्रांसफर की जाती है। इस प्रकार बालिका के जन्म से लेकर उसकी स्कूली शिक्षा तक उसे ₹21500 तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है, जिसे बालिका की शिक्षा तथा पालन पर खर्चा किए जाते हैं। इस योजना से लड़कियाँ डिस्टेंस लर्निग से ग्रेजुएशन कर सकती हैं। 

मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं

आधुनिक समय में परिवार में लड़की के जन्म होने पर परिवार तथा समाज की लड़की तथा लड़की की मां के प्रति हीन भावना को समाप्त करने के लिए, बिहार सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के तहत बिहार राज्य में पैदा हुई प्रत्येक लड़की को जन्म के समय ₹2000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है, जिसे उसकी मां द्वारा लड़की के पालन तथा पोषण के लिए खर्च किया जा सकते हैं। इस योजना का लाभ केवल बिहार राज्य में जन्मी लड़कियां ही ले सकते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए लड़की के जन्म होने पर उसका जन्म सर्टिफिकेट संबंधित कार्यालय में जमा कराना होता है, उसके पश्चात लड़की की मां के अकाउंट में ₹2000 की सहायता राशि ट्रांसफर कर दी जाती है।

इस योजना के अंतर्गत बिहार सरकार ने बहुत सारे नवजात कन्याओं की सहायता की है, तथा उनको समाज में सम्मान तथा अधिकार दिलाने के लिए पहल की है, जिससे लोगों का नजरिया तथा विचार बदला है, और लोग लड़की और लड़के को समान अधिकार देने तथा उसे समान नजर से देखते हैं। 

माझी कन्या भाग्यश्री योजना

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं

समाज में लड़कियों को पहचान तथा सम्मान दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा माझी कन्या भाग्यश्री योजना का शुभारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत किसी घर में किसी लड़की का जन्म होने पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा जन्मी लड़की को ₹5000 का अनुदान दिया जाता है। उसके पश्चात यह अनुदान जन्म से लगातार 5 साल तक दिया जाता है, उसके पश्चात कक्षा 5 में पढ़ाई के लिए उसे ₹2500 प्रदान किए जाते हैं, तथा 12वीं में आने पर उसे ₹3000 पुनः प्रदान किए जाते हैं।

लड़की के 18 साल पूरे होने पर उसे ₹100000 का अनुदान दिया जाता है, जो उसके शादी तथा उसकी उच्च शिक्षा के लिए प्रयोग किया जा सकता है। महाराष्ट्र सरकार ने लड़कियों को समाज में सामाजिक स्तर पर सम्मान तथा अधिकार दिलाने के लिए उनको शिक्षा तथा पालन-पोषण में सहायता के लिए माझी कन्या भाग्यश्री योजना का शुभारंभ किया था, जो लड़कियों को लड़कों के बराबर सम्मान दिलाती है। इस योजना के पश्चात समाज में भ्रूण हत्या तथा बालिका शोषण में कमी आई है, जिससे आज लड़कियां भी लड़कों के सामान अधिकार प्राप्त करती है, तथा अपने आप को समाज में लड़कों के समान तथा बराबर स्थापित कर रही हैं। 

मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं

लड़की के जन्म के समय नकारात्मक सोच को खत्म करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना का आरंभ 2007 में किया गया था। जिसके तहत लिंगानुपात में सुधार तथा बालिकाओं की शिक्षा और उनके स्वास्थ्य के प्रति बढ़ावा देना है, इस योजना के तहत प्रत्येक साल ₹6000 मध्य प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत जमा किए जाते हैं, जिसके पश्चात बालिका के कक्षा 6 में प्रवेश लेने के समय ₹2000 बालिका के अकाउंट में ट्रांसफर किया जाते हैं, और 9वी में प्रवेश लेने के पश्चात उसे ₹4000 तथा 11वीं में प्रवेश लेने के समय योजना द्वारा ₹6000 प्रदान किए जाते हैं, तथा 12 में प्रवेश लेने के समय उसे ₹6000 पुनः प्रदान किए जाते हैं।

इसके पश्चात यदि बालिका 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित होती है, तो उसके खाते में ₹100000 ट्रांसफर किए जाते हैं, जो कि उसके शादी के लिए अनुदान दिया जाता है, जिसे बालिका 21 वर्ष के होने के पश्चात शादी के लिए निकाल सकते हैं, किंतु शादी का अनुदान तभी प्राप्त होता है, जब बालिका की शादी 18 वर्ष से पूर्व ना हुइ हो। इस प्रकार मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत लड़कियों के जन्म तथा उनकी शिक्षा के लिए सरकार विशेष कदम उठा रहे हैं, जिससे महिलाओं को भी पुरुषों की अपेक्षा समाज में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया जा सके। 

नंदा देवी कन्या धन योजना 

नंदा देवी कन्या धन योजना 

नंदा देवी कन्या धन योजना उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही लड़कियों के लिए एक योजना है, जिसका उद्देश्य लिंगानुपात को कम करना तथा भ्रूण हत्या को खत्म करना, बाल विवाह पर रोक लगाना, टीकाकरण के लिए लोगों को जागृत करना, तथा प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिए प्रस्ताव अस्पताल या सरकारी अस्पताल जच्चा बच्चा केंद्र में कराना के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जिससे समाज में नवजात कन्याओं की स्थिति को सुधारा जा सके तथा महिलाओं को भी पुरुषों के समान अधिकार प्रदान किए जा सकें। इस योजना के तहत उत्तराखंड सरकार बालिकाओं के जन्म पर बालिका तथा उसकी मां को प्रोत्साहित तथा आगे बढ़ने के लिए सहायता राशि प्रदान की जाती है, जिससे बालिका का पालन पोषण किया जा सके, तथा उनसे शिक्षा के लिए आगे बढ़ाया जा सके इस योजना के तहत उत्तराखंड सरकारलड़कियों के उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं चलाती है। 

पश्चिम बंगाल कन्याश्री प्रकल्प

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं

नंदा देवी कन्या धन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना तथा मुख्यमंत्री लाडली योजना लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं हैं। इसी तरह पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल कन्याश्री प्रकल्प योजना चलाई जा रही है, जो लड़कियों के उत्थान तथा उनकी उच्च शिक्षा की व्यवस्था के लिए चलाई गई है, जिसके तहत लड़कियों को सामाजिक स्तर पर सम्मान दिलाना तथा उनको समाज के अधिकार प्रदान करना है। कन्याश्री प्रकल्प योजना पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा चलाई जा रही यह एक योजना है, जिसमें सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़ी लड़कियों की स्थिति में सुधार लाना तथा उन्हें सामाजिक अधिकार प्रदान करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत 13 से 18 वर्ष की आयु की लड़की को ₹750 तथा 18 से 19 वर्ष की लड़कियों को ₹25000 एक मुक्त राशि प्रदान की जाती है।

इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल कि कोई भी लड़की आवेदन कर सकती है, जिसकी उम्र 13 वर्ष से अधिक हो या फिर कक्षा आठ या उससे अधिक की कक्षा में उसने प्रवेश किया हो, इस छात्रवृत्ति का प्रयोग उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। 

सरकार द्वारा चलाई जा रही लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं तथा उनके उद्देश्य

आधुनिक समाज में लिंग अनुपात तथा भ्रूण हत्या के मध्य नजर रखते हुए विभिन्न प्रकार की राज्य सरकारों तथा केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों के उत्थान तथा उनको उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही। विभिन्न प्रकार की लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं जिनसे लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, तथा विभिन्न प्रकार की योजनाओं द्वारा लड़कियों के पालन पोषण तथा उनके शिक्षा संबंधी खर्चे के लिए अनुदान राशि प्रदान की जाती है, जिससे लड़कियां उच्च शिक्षा प्राप्त करके समाज की सोच को बदल सकें तथा समाज में लिंग अनुपात समान हो सके, तथा लड़कियों को भी लड़कों के बराबर सम्मान प्रदान किया जा सके। इन योजनाओं के निम्नलिखित उद्देश्य हैं

  • लिंग अनुपात को समान किया जा सके।
  • लड़कियों को लड़कों के बराबर अधिकार प्रदान किए जा सकें।
  • लड़कियों की उच्च शिक्षा की व्यवस्था की जा सके।
  • भ्रूण हत्या पर रोक लगाई जा सके।
  • लड़कियां शिक्षा तथा अन्य स्थानों पर लड़कों की बराबरी कर सकें।
  • लड़की का जन्म होने पर लड़की तथा लड़की की मां के प्रति समाज के हीन भावना को बदला जा सके।
  • लड़कियों का पालन पोषण सही से किया जा सके।

निष्कर्ष

भारत को स्वतंत्रता प्राप्त किए हुए 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं किस भारतीय समाज में लड़की तथा लड़के के प्रति लोगों के नजरिया तथा समाज में परिवर्तन नहीं हुआ। आज भी भारत के अधिकतर क्षेत्रों में लड़की को केवल घरेलू काम तथा बच्चे पैदा करने तक सीमित रखा जाता है। शिक्षा तथा सामाजिक अधिकार उससे दूर रखे जाते हैं, जिसके कारण समाज में लड़कियों की हीन भावना के कारण लिंगानुपात में बहुत अधिक अंतर देखने को मिला है। इसका उत्तरदायित्व हमारे समाज के सोच तथा हमारे समाज के लोगों पर जाता है।

भारत सरकार द्वारा आधुनिक समय में लड़कियों के विकास तथा उनकी शिक्षा पर बहुत अधिक जोर दिया जा रहा है, जिसके लिए  केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनसे लड़कियों के पैदा होने से लेकर उनके विवाह तक के लिए, विभिन्न प्रकार की योजनाओं द्वारा सहायता तथा सहायता राशि प्रदान की जाती है, जिससे समाज में लड़कियों के जन्म पर प्रोत्साहन मिलता है, और लड़कियों को समाज में लड़कों की अपेक्षा समान दर्जा दिया जाता है। इस परिवर्तन के कारण लड़कियों की स्थिति तथा उनकी शिक्षा में सुधार देखने को मिला है, आधुनिक समय में प्रत्येक राज्य द्वारा लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

लड़कियों के लिए कौन कौन सी योजना चल रही है?

आधुनिक समय में लड़कियों की स्थिति सुधारने के लिए तथा लिंग अनुपात सम्मान करने के लिए सरकारों द्वारा लड़कियों के उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे लड़कियों को समाज में समान अधिकार प्राप्त हो सके, और लड़कियां भी लड़कों के बराबरी शिक्षा तथा आने अधिकार प्राप्त कर सके, जिसके लिए लड़कियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारों द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। जो निम्नलिखित हैं 

  • धनलक्ष्मी योजना।
  • सुकन्या समृधि योजना।
  • सीबीएसई छात्रवृति योजना। 
  • बालिका समृधि योजना।
  • मुख्यमंत्री राजश्री योजना। 
  • मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना।

बेटी के लिए सबसे अच्छी योजना कौन सी है?

आधुनिक समय में लड़कियों के लिए सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें से सुकन्या समृद्धि योजना लड़कियों के विकास तथा उनकी शिक्षा के लिए चलाई जा रही योजनाओं में सबसे अच्छी योजना मानी जाती है, क्योंकि इसके द्वारा सालाना ₹250 से लेकर ₹150000 तक की राशि जमा की जा सकती है, जिसमें सरकार द्वारा 7.4% का ब्याज दिया जाता है, जिसे बालिका के 18 वर्ष पूरे होने पर आंशिक रूप से शिक्षा के लिए तथा पूर्ण रूप से 21 वर्ष पूरे होने पर विवाह के लिए निकाला जा सकता है। इस योजना द्वारा जमा की गई राशि पर तथा भुगतान होने पर कुल राशि को कर मुक्त कर दिया गया है।

जिसके कारण यह बालिकाओं के लिए सबसे अच्छी योजना मानी जाती है। किस योजना के तहत 7 वर्ष तक की बालिका का सहकारी बैंक तथा पोस्ट ऑफिस में अकाउंट खुलवाया जाता है, जिसे बालिका के नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत खोला जाता है।

सुकन्या योजना में 14 वर्ष तक ₹ 1000 जमा करेंगे तो 18 वर्ष में कितना मिलेगा?

सुकन्या योजना में यदि आप 14 वर्ष तक ₹1000 जमा करेंगे तो लड़की के 18 साल पूरे होने पर जब खाता लड़की के नाम हो जाता है, तो लड़की को होश में 7.4% ब्याज के साथ पूरी रकम उसके खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है, जिसे लड़की अपनी पढ़ाई के लिए 18 साल की उम्र में आधा पैसा तथा 21 साल की उम्र में पूरा पैसा अपने शादी के लिए निकाल सकती है, इसमें कुल जमा राशि पर 7.4% ब्याज जोड़कर पैसा वापस किया जाता है।

लड़कियों की शिक्षा के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?

सरकारों द्वारा लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं जिससे प्रदेश तथा भारत के लड़कियां लाभान्वित हो रही हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा अलग-अलग प्रकार की विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, जो लड़कियों के शिक्षा तथा उनके पालन पोषण से संबंधित होती हैं। योजनाओं के अंतर्गत लड़कियों के शिक्षा तथा उनके पालन के लिए माता-पिता तथा लड़के के लिए सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है, जिससे लड़कियां उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं, तथा समाज में लड़कों के बराबर खड़ी होती हैं।

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