शिक्षा एक ऐसी ज़रुरत है जिसके ना होने से कोई भी अपनी तरक्की की तरफ अग्रसर नहीं हो सकता. शिक्षा वो है जो हमें बंधनों से मुक्त करके हमारे मार्ग प्रशश्त करती है,शिक्षा का मानत्व हमारे सनातम धर्म में बखूबी समझाया है. शिक्षा एक ऐसा धन है जो हमें विनय देता है, शिक्षा से ही मनुष्य इस काबिल बन पाता है और अपने उज्जवल भविष्य के लिए अपना मार्ग प्रशस्त कर पाता है.
हमारे देश में आज भी शिक्षा को लेकर भेदभाव किया जाता है और इसकी वजह से कई लोग शिक्षा से वंचित रह जाते हैं|देश की इस बड़ी समस्या को देश से दूर करने के लिए और देश के हर वासी को शिक्षा से जोड़ने के लिए भारत सरकार ने काफी कदम उठाये हैं.
शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए और देशवासिओं को शिक्षित करने के लिए उस समय के तत्कालीन प्रधान मंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपई जी ने सर्व शिक्षा योजना |sarv shiksha abhiyan| को समस्त देशवासियों को समर्पित किया था जिसके तहत देश में 6 से 14 साल के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था.
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सर्व शिक्षा अभियान क्या है ? Sarva Shiksha Abhiyan in Hindi
“सर्व शिक्षा अभियान” भारत सरकार के द्वारा लाया गया एक सकरात कदम था जिसकी नींव हमारे देश के भूत पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी जी ने रखी थी जिससे उनकी सरकार की योजना समस्त देश में शिक्षा को बढ़ावा देना था और बाल मजदूरी को रोकना था.और देशवासियों को शिक्षा का महत्व समझाना था जिससे देशवासी अपने जीवन में शिक्षा का महत्त्व समझ सके और देश में आने वाले समय में विकास के नए अवसर बन सकें.
सर्व शिक्षा अभियान देश में 2002 में लागू किया गया था जिसके तहत देश में 6 से 14 साल के बच्चों को शिक्षित करना था जिससे पूरा देश शिक्षित हो सके.
कार्यक्रम पर कुल खर्च केंद्र सरकार (85%) और राज्य सरकारों (15%) द्वारा साझा किया गया था।
जिसके तहत देश में 50 मिलियन बच्चों को शिक्षा देने का काम उस समय की सरकार ने बखूबी पूरा किया था|
इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार ने हर सकारात्मक कदम उठाये और उस समय की सबसे बड़ी फंडिंग की समस्या को काफी अच्छी तरह से दूर किया था. इस महान योजना के लिए World Band, UNICEF जैसे अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से फंड इखट्टा किया गया था.
Sarva Siksha Abhiyan | सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े कुछ तथ्य
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सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत
सर्व शिक्षा अभियान 2002 में अटल बिहारी वाजपई जी के कार्यकाल में लाया गया था जिसका उद्देश्य देश को शिक्षित करना था. जिसके तहत 6 से 14 साल के अशिक्षित बालक-बालिकाओं को स्कूल से जोड़कर शिक्षा का महत्व समझाना था जिससे देश आने वाले समय में प्रगति कर सके.
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अभियान की अवधि
sarv siksha abhiyan अभी भी सक्रिय है और माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी इस योजना का संचालन कर रहे हैं, वर्तमान में इस योजना का नाम “राष्ट्रीय शिक्षा अभियान“[Rashtriya Shiksha Abhiyan] है|
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सर्व शिक्षा अभियान की केंद्र बिंदु के क्षेत्र
- बच्चों को सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना|
- पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी शिक्षा प्रदान करना|
- बुनियादी शिक्षा के माध्यम से सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए एक अवसर बनाना|
- केंद्र, राज्य और स्थानीय सरकार के बीच साझेदारी को अच्छा करना।
- प्राथमिक शिक्षा पर अपनी दृष्टि विकसित करने के लिए राज्यों के लिए एक अवसर।
FREQUENTLY ASKED QUESTIONS?
सर्व शिक्षा अभियान किसने शुरू किया था ?
हमारे माननीय प्रधान मंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपई जी ने.
सर्व शिक्षा अभियान पर शुरुवात में कितना खर्च आया था ?
23000 करोड़ रु
क्या वर्तमान में ये अभियान देश में प्रगति पर है ?
हाँ
योजना के लाभ?
इस योजना के तहत 6 से 14 साल के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से जोड़ा गया जिसके फल स्वरूप वे एक बेहतर भविष्य की तरफ अग्रसर हो सके.
क्या किसी भी क्षेत्र के बच्चे इस योजना का लाभ ले सकते है ?
हाँ