प्राचीन काल में रुद्राक्ष पहनने की अनुमति केवल पुरुषों को थी क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि पुरुष हमेशा शुद्ध रहते हैं जिसके कारण पुरुष द्वारा धारण किया रुद्राक्ष भी हमेशा शुद्ध रहता है इसके विपरीत महिलाओं को अशुद्ध माना जाता है इसलिए महिलाओं को रुद्राक्ष धारण करने की अनुमति प्राचीन काल में नहीं थी किंतु प्राचीन मान्यताओं को अब धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है और महिलाएं भी रुद्राक्ष धारण करने लगी हैं, महिलाओं को शुद्ध अवस्था में रुद्राक्ष धारण करने में कोई परेशानी नहीं होती है। किंतु जब महिलाएं अशुद्ध रहती हैं अर्थात महिलाओं को मासिक धर्म आते हैं तो उनको रुद्राक्ष उतार देना चाहती, ऐसा बहुत सारी महिलाएं नहीं कर पाती हैं।
इसलिए लोग ज्यादातर पूछते रहते हैं कि लड़कियों को रुद्राक्ष पहनना चाहिए कि नहीं? क्या लड़कियां रुद्राक्ष धारण कर सकती हैं? या फिर जो लड़कियां रुद्राक्ष धारण करती हैं उनको रुद्राक्ष के फायदे प्राप्त होते हैं या नहीं? आधुनिक परिवर्तित समय में जिस प्रकार विभिन्न स्थानों में लड़की और लड़के में फर्क नहीं देखा जाता है। इसी प्रकार लोग लड़की और लड़के को रुद्राक्ष धारण करने में भी फर्क नहीं देखते हैं लोगों का मानना है कि इस प्रकार लड़के रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं उसी प्रकार लड़कियां भी रुद्राक्ष धारण कर सकती हैं।
रुद्राक्ष (Rudraksha)
आधुनिक समय में प्रत्येक क्षेत्र में लड़कियां लड़कों से कदम से कदम मिलाते हुए चल रही हैं अर्थात जोकर लड़के करते हैं उस कार्य में लड़कियां बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं, जिसके कारण लड़की और लड़के ने भेदभाव करना उपयुक्त नहीं माना जाता है, किंतु शारीरिक बनावट तथा प्राचीन धारणाओं के अनुसार ऐसा माना जाता था, कि लड़कियों का शरीर हमेशा शुद्ध नहीं रहता है। ऐसा किस लिए कहा जाता है क्योंकि लड़कियों को महीने में एक बार मासिक धर्म का सामना करना पड़ता है, किंतु वहीं लड़कों को हमेशा शुद्ध माना जाता है इसलिए विभिन्न प्रकार के पूजा-पाठ तथा मंदिरों में प्रवेश संबंधी अनुमति केवल लड़कों को होती थी, किंतु आधुनिक समय में सभी स्थानों पर तथा पूजा पाठ के लिए महिलाएं आगे आ रही हैं। लेकिन हमारा सभी का यह दायित्व है कि मानसिक तथा धार्मिक भावनाओं को एक साथ मिलाकर आगे बढ़ते रहें।
इसलिए महिलाओं को भी शुद्ध अवस्था में सब कुछ करने का अधिकार है किंतु जब वह अशुद्ध रहती हैं तो धार्मिकता से जुड़े कार्यों को नहीं करती हैं। इसलिए जिस समय महिलाएं गर्भवती रहती हैं या उनको पीरियड से आते हैं या फिर महिला या पुरुष कोई भी संभोग क्रिया के समय रुद्राक्ष नहीं धारण करते हैं। इससे रुद्राक्ष की शक्तियां समाप्त होने लगती हैं और रुद्राक्ष में सकारात्मक ऊर्जा के स्थान पर नकारात्मक ऊर्जा स्थापित हो जाती है, जिसके कारण यह हमारे जीवन पर विपरीत प्रभाव डालती है।
रुद्राक्ष को भगवान शंकर की आंखों से उत्पन्न हुए आंसू का एक अंश माना जाता है, इसलिए पृथ्वी पर उपलब्ध रुद्राक्ष भगवान शिव के रूप में पूजा जाता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है, कि जिस समय भगवान शिव माता शिवा के शोक में शोकाकुल होकर तपस्या कर रहे थे उस समय उनके आंसू पृथ्वी पर गिरे और उनसे रुद्राक्ष के वनों की उत्पत्ति हुई प्राचीन काल में 38 से अधिक प्रकार के रुद्रा पाए जाते थे, किंतु वर्तमान समय में केवल 14 प्रकार के रुद्राक्ष ही उपलब्ध हैं। बाकी सभी रुद्राक्ष पृथ्वी से विलुप्त हो गए हैं तथा कुछ रुद्राक्ष विलुप्त होने की श्रेणी में है, इसलिए ऐसे रुद्राक्ष को जो विलुप्त होने वाले हैं, उन्हें दुर्लभ रुद्राक्ष कहा जाता है। भगवान शंकर के आंसुओं से उत्पन्न रुद्राक्ष के वन कैलाश के आसपास के क्षेत्र में जैसे नेपाल, भूटान तथा हिमालय पर्वत के कुछ क्षेत्र शामिल हैं। जहां पाया जाते हैं इसके अलावा रुद्राक्ष दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों के अलावा इंडोनेशिया आदि में भी पाए जाते हैं किंतु सबसे उत्तम क्वालिटी तथा सकारात्मक ऊर्जा वाला रुद्राक्ष नेपाल में पाया जाता है।
लड़कियों को रुद्राक्ष पहनना चाहिए कि नहीं
सामान्य परिस्थितियों में सभी लड़के तथा लड़कियां महिला पुरुष रुद्राक्ष धारण करते हैं। रुद्राक्ष धारण करने से सभी के जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे किसी के जीवन में खुशहाली तथा सफलता प्राप्त हो सकती है। यदि आपको विभिन्न प्रकार की समस्याओं से परेशान हो गए हैं और आपको लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, आपके जीवन में खुशी की कमी है, तो आप रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। किंतु कुछ लोगों का मानना होता है कि लड़कियों तथा महिलाओं को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
लड़कियों को रुद्राक्ष पहनना चाहिए कि नहीं इसके बारे में अभी कोई स्पष्ट बात किसी भी ग्रंथ पुराण में नहीं कहीं गई है, किंतु यह जरूर कहा गया है कि रुद्राक्ष को जब भी धारण किया जाए तो आपका शरीर शुद्ध होना चाहिए। इसी कारण कुछ लोग महिलाओं को या लड़कियों को रुद्राक्ष पहनना चाहिए कि नहीं इस पर सवाल उठाते हैं, क्योंकि लोगों का मानना है कि महिलाएं अशुद्ध होती हैं। जिसके कारण हमको रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए लेकिन महिलाएं हमेशा अशुद्ध नहीं होती हैं, क्योंकि यह महिलाओं को पीरियड की दृष्टि से अशुद्ध माना जाता है, तो महीने में कुछ दिन ही महिलाओं को पीरियड से आते हैं। इसलिए महिलाएं हमेशा अशुद्ध ना रहकर पीरियड्स के समय ही अशुद्ध रहती हैं इसके अलावा कुछ अन्य परिस्थितियों में तीन महिलाएं अशुद्ध हो जाती है लेकिन इस प्रकार पुरुष भी कुछ परिस्थितियों में अशुद्ध हो जाती हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि महिलाएं कभी भी रुद्राक्ष धारण नहीं कर सकती हैं।
इसलिए आज हम आपको जानकारी देंगे कि लड़कियों को रुद्राक्ष पहनना चाहिए कि नहीं और लड़कियों को किन परिस्थितियों में रुद्राक्ष पहनना चाहिए और किन परिस्थितियों में रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए। निम्नलिखित परिस्थितियों में लड़कियों को रुद्राक्ष में धारण करना चाहिए
- पीरियड के समय।
- गर्भावस्था होने पर।
- संभोग करते समय।
- प्रसव के समय।
- अन्य विभिन्न शारीरिक अशुद्धि के समय।
पीरियड के समय लड़कियों को रुद्राक्ष पहनना चाहिए कि नहीं
पारंपरिक तथा सामाजिक मान्यताओं के अनुसार जिस समय महिलाओं को पीरियड आते हैं, उस समय महिलाएं शारीरिक रूप से अशुद्ध हो जाती हैं तथा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अशुद्ध लोगों को रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। इसलिए जिस समय पीरियड शुरू होने वाले हैं महिलाओं को रुद्राक्ष उतार देना चाहिए बाकी सामान्य परिस्थिति में तथा शुद्ध शारीरिक स्थिति में महिलाएं रुद्राक्ष धारण कर सकती हैं। महिलाओं को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए इसके बारे में कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिलता है, सिर्फ शुद्ध शारीरिक स्थिति में ही रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
ऐसा हमारे वेद तथा पुराणों में कहा गया है इसलिए शुद्ध शारीरिक स्थिति में महिला तथा पुरुष दोनों ही रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं तथा यदि महिला या पुरुष से कभी शरीर अशुद्ध है, तो वह रुद्राक्ष नहीं धारण कर सकता है। इसमें महिला तथा पुरुषों में कोई भेद नहीं माना गया है इसलिए स्पष्ट रूप से यह कहा जा सकता है कि पीरियड्स के समय लड़कियों को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
गर्भावस्था होने पर महिलाओं को रुद्राक्ष पहनना चाहिए कि नहीं?
ऐसा माना जाता है कि जब महिलाएं गर्भधारण करती हैं, तो वह अशुद्ध हो जाते हैं किंतु ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। गर्भधारण करते समय जब महिलाएं सेक्स क्रिया करती हैं, केवल उस समय ही महिलाएं अशुद्ध रहती हैं क्योंकि उस समय उनको पीरियड भी होते रहते हैं और गर्भधारण के लिए महिलाएं सेक्स क्रिया भी करती हैं। इसलिए महिलाएं अशुद्ध हो जाती हैं किंतु जब महिलाएं गर्भ धारण कर लेती हैं अर्थात उनके पेट में भ्रूण का निर्माण हो जाता है। तब वह बिल्कुल शुद्ध होती हैं उस समय उनको रुद्राक्ष धारण करना चाहिए किंतु जिस समय वह गर्भधारण करती हैं।
उस समय उनको रुद्राक्ष उतार देना चाहिए तथा जब वह कर्म धारण कर लेती हैं, तो स्नान करके अपने शरीर को शुद्ध करके पुनः रुद्राक्ष को धारण कर सकती हैं इससे रुद्राक्ष अभी अशुद्ध नहीं होता है और गर्भावस्था में रुद्राक्ष उनकी तथा उनके कोख में पल रहे शिशु की रक्षा करता है तथा आसपास के क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा का विकास करता है, जिससे पैदा होने वाले नवजात शिशु पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। किंतु ध्यान रहे कि प्रसव के समय पुनः रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए और किसी शुद्ध स्थान पर रख देना चाहिए।
संभोग करते समय
संभोग करते समय किसी भी महिला अथवा पुरुष को रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए इसमें यह निर्धारित नहीं किया गया है। केवल महिलाओं को ही रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए अपितु पुरुषों को भी सेक्स क्रिया करते समय रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए। यदि आप सेक्स क्रिया करते समय रुद्राक्ष धारण करते हैं, तो रुद्राक्ष में सकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है तथा रुद्राक्ष निष्क्रिय हो जाता है, क्योंकि सेक्स क्रिया के समय रुद्राक्ष धारण करने से वह अशुद्ध हो जाता है। इसलिए रुद्राक्ष तो हमेशा शुद्ध बनाए रखने बता उसके लाभ प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष को हमेशा सक्रिय रखना चाहिए। इसलिए अशुद्ध स्थानों तथा अशुद्ध कार्य करते समय रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहती है। वह चाहे महिला हो या पुरुष किसी को भी अशुद्ध स्थित में रुद्राक्ष धारण करने की अनुमति नहीं देता है।
इसलिए महिलाओं को पुरुषों के साथ सेक्स क्रिया करते समय रुद्राक्ष उतार देना चाहते तथा सेक्स क्रिया के पश्चात शुद्ध हो जाने पर तथा स्नान आदि करने के पश्चात रुद्राक्ष को पुनः धारण किया जा सकता है। इसलिए जो लोग कहते हैं कि महिलाओं को संभोग करते समय रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए ऐसा बिल्कुल भी नहीं है महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी संभोग करते समय रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए इससे आपको रुद्राक्ष के शुभ फल प्राप्त होते हैं।
प्रसव के समय लड़कियों को रुद्राक्ष पहनना चाहिए कि नहीं
प्रसव के समय लड़कियों तथा महिलाओं को रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए क्योंकि प्रसव के समय महिलाओं के शरीर से अपशिष्ट पदार्थ निकलते हैं, जो अशुद्ध होते हैं जिसके कारण महिलाओं का शरीर शुद्ध हो जाता है। इसलिए प्रसव के समय महिलाएं रुद्राक्ष नहीं धारण कर सकती हैं, इसके अलावा यदि महिलाओं के प्रसव का समय नजदीक आता है तो उन्हें रुद्राक्ष उतार कर रख देना चाहिए जिससे कि रुद्राक्ष अशुद्ध ना हो और उसे प्रसव के बाद शुद्ध होकर के कारण किया जा सकता है, जिससे वह रुद्राक्ष आपके तथा आपके बच्चे की रक्षा करता है तथा आपको विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान करता है। इसलिए महिलाओं का जब प्रसव समय नजदीक आता है तो उनको रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए अर्थात प्रसव के समय लड़कियां तथा महिलाएं रुद्राक्ष नहीं धारण कर सकती हैं।
अन्य विभिन्न शारीरिक अशुद्धि के समय
उपरोक्त बताए गए सभी कारणों के अलावा अन्य किसी कारण से यदि महिलाएं अशुद्ध हो जाती हैं, तो उनको रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए उपरोक्त बताए गए तरीकों के माध्यम से ज्यादातर महिलाएं अशुद्ध होती हैं, इसके अलावा बहुत बहुत सारे ऐसा समय भी आता है जब महिलाएं अशुद्ध हो जाती हैं, इसलिए ऐसे अवसरों पर भी रुद्राक्ष को अशुद्ध होने से बचाना चाहिए तथा शरीर को पुनः स्नान आदि कराके शुद्ध करके रुद्राक्ष धारण कर लेना चाहिए। इससे आपका रुद्राक्ष भी अशुद्ध होने से बचा रहता है और यह आपको लगातार सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता रहता है, जिससे आप हो जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है। उपरोक्त बताए गए कारणों के अलावा निम्नलिखित समय पर भी महिला तथा पुरुष दोनों को ही रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए।
- घर में किसी की मृत्यु हो जाए तो रुद्राक्ष को उतारकर ऊंचे स्थान पर टांग देना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करके श्मशान घाट तथा शव यात्रा में नहीं जाना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात झूठ नहीं बोलना चाहिए।
- यदि आपने रुद्राक्ष धारण किया है तो आपको जीव हत्या नहीं करनी चाहिए।
- मांस मछली तथा शराब का सेवन करने के पश्चात रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए।
- पाप कर्म करने के पश्चात रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए।
लड़कियों को रुद्राक्ष कब पहनना चाहिए
सामान्य परिस्थितियों में कोई भी पुरुष महिला तथा लड़की रुद्राक्ष कभी भी धारण कर सकती है। रुद्राक्ष धारण करने की सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह होती है कि व्यक्ति का शरीर शुद्ध होना चाहिए जिससे रुद्राक्ष की सक्रियता बनी रहती है और रुद्राक्ष में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता रहता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख संपदा खुशहाली तथा शुभ समय बना रहता है। बहुत सारे लोगों का मानना होता है कि लड़कियों को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए इसलिए कुछ लोगों के मन में यह प्रश्न भी होते हैं कि लड़कियों को रुद्राक्ष पहनना चाहिए कि नहीं, किंतु लड़कियों को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए इसका कोई भी ठोस तथ्य अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है।
किंतु कुछ लोगों का मानना है कि महिलाएं अशुद्ध होती हैं इसलिए महिलाओं को रुद्राक्ष में धारण करना चाहिए किंतु जहां तक मेरा मानना है कि महिलाएं हमेशा अशुद्ध नहीं रहते हैं और जिस समय महिलाएं अशुद्ध रहें। उस समय उनको रुद्राक्ष बिल्कुल भी नहीं धारण करना चाहिए चाहे महिला हो या चाहे पुरुष किसी को भी अशुभ स्थिति में रुद्राक्ष धारण नहीं करना इससे रुद्राक्ष की पवित्रता समाप्त हो जाती है औरत राक्षस कार्य करना बंद कर देता है, जिससे रुद्राक्ष से मिलने वाले फायदे व्यक्ति को प्राप्त नहीं होते हैं, किंतु निम्नलिखित फायदे प्राप्त करने के लिए महिला तथा पुरुष किसी को भी शुद्ध अवस्था में रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
- कुंडली में ग्रह स्थिति खराब होने की दशा में।
- जीवन में विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करने से बचने के लिए।
- व्यापार तथा नौकरी में तरक्की पाने के लिए।
- विभिन्न प्रकार के मानसिक तनाव को दूर करने के लिए।
- जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने के लिए।
- जादू टोना तथा भूत प्रेत से छुटकारा पाने के लिए।
- विशेष प्रकार के पाप कर्म से छुटकारा पाने के लिए।
- शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए तथा बुद्धि के विकास के लिए।
- पति पत्नी तथा परिवार के रिश्तो में शांति के लिए।
- विभिन्न प्रकार के शारीरिक रोगों को दूर करने के लिए।
- मानसिक तनाव तथा मानसिक समस्याओं को दूर करने के लिए।
निष्कर्ष
उपरोक्त लेख में लड़कियों को रुद्राक्ष पहनना चाहिए कि नहीं इसके बारे में जानकारी दी गई है, लोगों तक बहुत से विद्वानों के मन में यह शंका होती है कि क्या महिलाओं को रुद्राक्ष पहनना चाहिए। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रुद्राक्ष धारण करने की सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह होती है, कि व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करते समय शुद्ध होना चाहिए किंतु बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं, जिनकी धारणा के अनुसार महिलाएं शुद्ध नहीं होती हैं। किंतु आधुनिक समय में महिलाएं कुछ ही समय ऐसा होता है, जब अशुद्ध होती हैं ऐसा समय महिलाओं को प्रत्येक महीने आता है।
इसके अलावा अन्य समय में महिलाएं रुद्राक्ष धारण कर सकती हैं और कुछ आधुनिक विद्वानों का मानना है कि महिलाएं पीरियड के समय भी अशुद्ध नहीं होती हैं केवल यह उनके विवेक पर निर्भर करता है कि वह उस समय रुद्राक्ष धारण करें या ना करें इससे उनकी शुद्धता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, क्योंकि पीरियड से उनके शरीर की प्राकृतिक क्रिया होती है, इसके अलावा कुछ अन्य समय भी महिलाओं को रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। उपरोक्त लेख के माध्यम से यह स्पष्ट हो गया है कि लड़कियों को रुद्राक्ष पहनना चाहिए कि नहीं या फिर लड़कियों को किस समय रुद्राक्ष पहनना चाहिए और किस समय प्राप्त नहीं पहनना चाहिए।
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लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न
क्या मैं पीरियड्स के दौरान रुद्राक्ष पहन सकती हूं?
महिलाओं के पीरियड के समय रुद्राक्ष धारण करने के विभिन्न लोगों की अलग-अलग धारणाएं मानी जाती है, कुछ लोगों का मानना है कि पीरियड के समय महिलाएं अशुद्ध हो जाती हैं, किंतु कुछ लोगों का मानना है कि पीरियड्स की महिलाओं के शरीर का एक प्राकृतिक क्रिया है। इसलिए पीरियड से महिलाएं अशुद्ध नहीं होती हैं इसलिए यह आपके विवेक पर निर्भर करता है कि आप अपने आप को पीरियड के समय अशुद्ध मानती हैं, कि शुद्ध यदि आप अशुद्ध मानती हैं तो रुद्राक्ष बिल्कुल भी ना धारण करें और यदि आप पीरियड के समय अपने आप को शुद्ध मानती हैं तो आप पर प्राप्त धारण कर सकती हैं।
लड़कियों को कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए?
किसी भी रुद्राक्ष को कोई भी लड़की या लड़का धारण कर सकता है क्योंकि रुद्राक्ष अलग-अलग प्रकार के होते हैं और इनका प्रयोग अलग-अलग कार्यों के लिए किया जाता है। आप जिस प्रकार के कार्य की पूर्ति के लिए रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं आप उसी प्रकार का रुद्राक्ष चाहे लड़की हो चाहे लड़का हो कोई भी धारण कर सकता है।
रुद्राक्ष कौन नहीं पहन सकता है?
कोई भी ऐसा व्यक्ति पुरुष या महिला जो शराब पीता हो मांस मदिरा का सेवन करता हो झूठ बोलता हो पाप कर्म करता हो इसके अलावा अन्य विभिन्न कारणों से वह अशुद्ध हो, ऐसे लोगों को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए क्योंकि रुद्राक्ष शरीर के अशुद्ध होने के कारण निष्क्रिय हो जाते हैं और उनमें विद्यमान सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त हो जाता है जिससे धारण करने पर कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है।
क्या रुद्राक्ष पहनकर नॉन वेज खा सकते हैं?
नॉनवेज को तामसी प्रकृति का भोजन माना जाता है इसलिए यह भोजन राक्षस प्रवृत्ति के लोगों के लिए बनाया गया है इसलिए यदि आप नानवेज का सेवन करते हैं, तो आपको रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए क्योंकि पौराणिक दृष्टि से आप अशुद्ध होते हैं, जो लोग नॉनवेज शराब आदि का सेवन करते हैं तथा झूठ बोलते हैं पाप कर्म करते हैं ऐसे लोगों को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।