गौरी शंकर रुद्राक्ष के फायदे

सभी प्रकार के रुद्राक्ष में गौरी शंकर रुद्राक्ष सबसे उपायुक्त तथा अलग होता है, यह अपनी विशेष बनावट के कारण बहुत अधिक प्रसिद्ध होता है क्योंकि यह देखने में सभी रुद्राक्ष से अलग होता है क्योंकि इसमें दो रुद्राक्ष आपस में जुड़े दिखाई देते हैं, जिससे कारण इसे माता गौरी तथा भगवान शंकर का प्रतीक माना जाता है। भारत में रुद्राक्ष का इतिहास बहुत प्राचीन है। पौराणिक काल से ही रुद्राक्ष का प्रयोग विभिन्न प्रकार की समस्याओं तथा भगवान शिव की भक्ति के लिए किया जाता रहा है। इसलिए रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति के ऊपर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है और व्यक्ति अपने जीवन में आगे बढ़ता रहता है, जैसा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि सभी प्रकार के रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। इसलिए रुद्राक्ष तो भगवान शिव का एक अंश माना जाता है। यही कारण है कि भगवान शिव का सबसे प्रिय आभूषण रुद्राक्ष माना जाता है तथा भगवान शिव के सभी भक्तों भगवान शिव को प्रसन्न करने तथा भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष धारण करते हैं। आज के इस लेख में हम आपको गौरी शंकर रुद्राक्ष के फायदे के बारे में जानकारी देंगे जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो सकती है।

रुद्राक्ष (Rudraksh)

रुद्राक्ष

रुद्राक्ष को इलियोकार्पस गेनिट्रस नामक पेड़ के फलों के बीजों से प्राप्त किया जाता है, यह भारत में मुख्य रूप से हिमालय तथा इसके क्षेत्र में पाया जाता है। इसके अलावा इसे नेपाल भूटान तथा दक्षिण भारत के कुछ अन्य क्षेत्रों में भी प्राप्त किया जाता है। रुद्राक्ष के कुछ वन इंडोनेशिया क्षेत्र में भी पाए जाते हैं, जिनसे रुद्राक्ष प्राप्त होते हैं किंतु सबसे उच्चतम क्वालिटी का रुद्राक्ष जिसमें पर्याप्त सकारात्मक ऊर्जा विद्यमान होती है, उसे हिमालय तथा नेपाल से प्राप्त किया जाता है। यह रुद्राक्ष आकार में बड़े तथा ऊर्जा में अधिक शक्तिशाली होते हैं इनका आकार लगभग एक आंवले के आकार के बराबर होता है तथा यह देखने में अधिक चमकदार तथा ऊर्जावान दिखाई देते हैं, जिसके कारण इन्हें उत्तम क्वालिटी वाले रुद्राक्ष की श्रेणी में रखा जाता है, जो रुद्राक्ष जितना बड़ा तथा ऊर्जावान होता है। उससे हमें उतने ही अधिक लाभ प्राप्त होते हैं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी पर उपलब्ध रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ था जिसके कारण यह शिव का अत्यंत प्रिय आभूषण माना जाता है और भगवान शिव इसे स्वयं धारण करते हैं, इसलिए भगवान शिव के भक्त शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष को धारण करते हैं।

गौरी शंकर रुद्राक्ष (Gauri Shankar Rudraksh)

गौरी शंकर रुद्राक्ष

गौरी शंकर रुद्राक्ष (Gauri Shankar Rudraksh) प्राकृतिक रूप से दो जुड़े रुद्राक्ष को कहा जाता है, जिसमें शक्ति तथा शिव दोनों समाहित होते हैं। इसलिए गौरी शंकर रुद्राक्ष को शक्ति तथा शिव का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति के ऊपर दोनों की कृपा होती है और वह व्यक्ति अपने जीवन में सुख तथा शांतिपूर्वक जीवन व्यतीत करता है। इस रुद्राक्ष का मुख्य महत्व कपल्स के लिए होता है जो अपने जीवन में सुख शांति तथा आप से रिश्ते को बनाए रखते हुए अपने जीवन को जीना चाहते हैं। इसके अलावा इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के परिवारिक रिश्ते तथा आपसी संबंध बहुत अच्छे होते हैं। इसलिए इस रुद्राक्ष को परिवारिक शांति का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों के जीवन में पारिवारिक रिश्तो संबंधी विभिन्न समस्याएं होती हैं या फिर जिनके जीवन में शादी से संबंधित अड़चनें होती हैं, वे लोग इस रुद्राक्ष को धारण करते हैं जिससे भगवान शिव तथा माता पार्वती की कृपा से उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। उनका वैवाहिक जीवन सुख तथा शांति पूर्वक प्रतीत होता है और यदि उनके जीवन में शादी विवाह कोई समस्या है तो वह दूर हो जाती है। गौरी शंकर रुद्राक्ष के फायदे विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त होते हैं किंतु मुख्य रूप से इसे प्यार का प्रतीक माना जाता है। 

जिस प्रकार सृष्टि के निर्माण के विकास के लिए माता शक्ति ने भगवान शिव के साथ माता गौरी को रहने का आदेश दिया था तथा सृष्टि के विकास तथा इसके संतुलन में सहयोग के लिए दोनों को एक साथ ही स्थापित किया था। ठीक उसी प्रकार गौरी शंकर रुद्राक्ष लोगों को उनके जीवन में हो रही कठिनाइयों से बचने तथा रिश्तो में हो रहे समस्याओं से निकलने के लिए पति पत्नी तथा अन्य रिश्तेदारों को एक साथ रहने तथा रिश्तो को मधुर बनाए रखने का आदेश देते हैं, तथा उनकी कृपा से रिश्ते मधुर बने रहते हैं तथा पति पत्नी अपने जीवन को सुख तथा शांति पूर्वक अपने रिश्तो का निर्वाह करते हुए अपना जीवन व्यतीत करते हैं। इसलिए जिन पति-पत्नी के मध्य लड़ाई झगड़ा बना रहता है,  या जिन लोगों का प्यार हमसे दूर है और प्यार को प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है, या फिर आपके शादी विवाह में किसी प्रकार की समस्या हो रही है, इसके अलावा अन्य विभिन्न प्रकार के समस्याओं को दूर करने के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण किया जाता है। इस रुद्राक्ष को धारण करते ही गौरी शंकर रुद्राक्ष के फायदे दिखाई देते हैं तथा व्यक्ति अपने जीवन में खुशहाल रहता है।

गौरी शंकर रुद्राक्ष के फायदे

गौरी शंकर रुद्राक्ष के फायदे

यदि आप अपने जीवन में शांति चाहते हैं किंतु आप दैनिक रूप से जीवन में होने वाली समस्याएं तथा घरेलू लड़ाई झगड़े से परेशान रहते हैं, जिसके कारण आपकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती है तथा इस लड़ाई झगड़े का प्रभाव आपके मानसिक स्थिति पर भी पड़ रहा है, जिसके कारण आप परेशान तथा अशांत रहते हैं जिससे आपको विभिन्न प्रकार के मानसिक समस्याएं हो गई हैं, तो आपको गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने की आवश्यकता है। यदि आप गौरी शंकर रुद्राक्ष पहनते हैं तो आप को गौरी शंकर रुद्राक्ष पहनने के फायदे प्राप्त होते हैं, जिससे आपका जीवन सुख शांति पूर्वक व्यतीत होता है तथा आपके जीवन में रिश्तो से संबंधित सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। इसके अलावा गौरी शंकर रुद्राक्ष में माता गौरी तथा भगवान शंकर विद्यमान होते हैं, जो आपके जीवन में अन्य विभिन्न प्रकार के समस्याओं को दूर करते हैं। इसलिए भगवान शंकर तथा माता गौरी की आराधना करने के लिए तथा इन्हें प्रसन्न करने के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष को भी नियम तथा विधिपूर्वक धारण करना चाहिए, जिससे आपको जीवन में सफलता प्राप्त होती है तथा आप शांति तथा आनंद पूर्वक अपने जीवन को व्यतीत करते हैं। इस रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात आपको निम्नलिखित गौरी शंकर रुद्राक्ष के फायदे प्राप्त होते हैं।

  • गृहस्थ सुख के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष।
  • विवाह में देरी की समस्या के लिए।
  • स्त्रियां गर्भधारण न कर पाने की समस्या के लिए। 
  • पारिवारिक शांति के लिए। 
  • आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए।
  • सोते वक्त बुरे सपनों से बचने के लिए।  
  • संतान सुख प्राप्त करने के लिए।
  • हीलिंग पावर बढ़ाने के लिए।
  • मानसिक ज्ञान को बढ़ाने के लिए। 

गृहस्थ सुख के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष

गृहस्थ सुख के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष

आज के इस व्यस्त जिंदगी में गृहस्थ जीवन तथा संयुक्त परिवार के साथ सुख शांति पूर्वक रहना बहुत ही मुश्किल काम है क्योंकि यदि आप का एक संयुक्त परिवार है, तो उसमें विभिन्न प्रकार के लोग रहते हैं। जिनके सबके अपने अपने विचार तथा लाइफस्टाइल होती हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के विचारों से आपको तालमेल स्थापित करना बड़ा ही मुश्किल होता है और यदि आप किसी व्यक्ति के साथ मानसिक रूप से तालमेल स्थापित नहीं कर पाते हैं, तो उस व्यक्ति से आप के रिश्ते बहुत ही खराब हो जाते हैं, जिसके कारण आपको विभिन्न प्रकार की समस्या हो सकती हैं। यदि आप किसी ऐसे ही घर के गार्जियन हैं तथा जिम्मेदारी पूर्वक अपने गृहस्थ जीवन को संचालित करना चाहते हैं तथा सभी को एक साथ रखते हुए अपने जीवन को सुख शांति पूर्वक व्यतीत करना चाहते हैं, तो आपके लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना बहुत ही आवश्यक हो जाता है क्योंकि यह रुद्राक्ष आपको रिश्तो में सामंजस्य बनाने तथा अपने अंदर धैर्य स्थापित करने की ताकत प्रदान करता है, जिसके कारण परिवारिक रिश्ते मजबूत बने रहते हैं। इसलिए गृहस्थ सुख के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष सबसे उपयोगी माना जाता है, जिन लोगों के गृहस्थ जीवन में उथल-पुथल मची हुई है तथा उनके जीवन में शांति नहीं है तो उनको गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है।

यह भी देखें: रुद्राक्ष पहनने के फायदे और नुकसान

विवाह में देरी की समस्या के लिए

विवाह में देरी की समस्या के लिए

ऐसा माना जाता है कि यदि कुंडली में शब्द भाव में बुध और शुक्र तथा लग्न में शनि और मंगल होते हैं, तो व्यक्ति पुरुष अथवा महिला दोनों की ही 36 वर्षों तक शादी नहीं होती है। इसके अलावा यदि सप्तम में शनि हो और उसे सूर्य और मंगल दोनों देख रहे हो तो विवाह देरी से होता है। इसके अलावा यदि सप्तम भाव का स्वामी नीच होकर द्वादश भाव में विराजमान हो और लग्न का स्वामी सप्तम भाव में शनि के द्वारा देखा जाता हो, तो व्यक्ति का विवाह जीवन पर्यंत नहीं होता है। इन सभी समस्याओं से आधुनिक समय में बहुत सारे लोग पीड़ित पाए जाते हैं, लेकिन उन्हें इन समस्याओं का सही हल प्राप्त नहीं होता है। यदि विवाह के देरी से होने की समस्या या लंबे समय तक विवाह ना होने की समस्या से परेशान हैं तथा आप विवाह करना चाहते हैं, तो आपको गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने से विवाह संबंधी सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं और जिन लोगों की कुंडली में नीच भाव के कारण विवाह ना होने की समस्या होती है। गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने से यह सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं, क्योंकि माता गौरी तथा भगवान शिव को रुद्राक्ष के रूप में धारण करने से इन दोनों की कृपा से व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सफल होता है तथा वह माता गौरी और भगवान शंकर की तरह एक साथ रहते हुए जीवन व्यतीत करता है। यदि आप अपने जीवन में वैवाहिक समस्याओं से परेशान हैं तो नियम तथा विधि पूर्वक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करते हैं तो गौरी शंकर रुद्राक्ष के फायदे आपको प्राप्त होते हैं।

स्त्रियों के गर्भधारण न कर पाने की समस्या के लिए

स्त्रियों के गर्भधारण न कर पाने की समस्या के लिए

आधुनिक समय में शारीरिक कमजोरी तथा विभिन्न प्रकार के अन्य शारीरिक समस्याओं के कारण बहुत सारी महिलाएं कमजोर प्रजनन क्षमता के कारण गर्भधारण नहीं कर पाती हैं, जिसका मेडिकल कारण पीसीओडी तथा प्रजनन संबंधी अन्य समस्याएं होती हैं, जिससे महिलाओं की प्रजनन क्षमता तथा गर्भधारण करने की क्षमता में कमी आ जाती है, जिसके कारण महिलाएं अब तो गर्भधारण नहीं कर पाती हैं या फिर यदि गर्भ धारण करती हैं, तो गर्भपात की समस्या से गुजरना पड़ता है। जिसके कारण वह संतान सुख से वंचित रह जाते हैं तथा समाज उन्हें बांझ कहकर विभिन्न प्रकार के ताने देता है, जिसके कारण उन्हें विभिन्न पर इस सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है गर्भधारण न कर पाने की इन सभी समस्याओं से बचने के लिए महिलाएं विभिन्न प्रकार के तरीके अपनाती हैं। किंतु असफल रहती हैं ऐसी महिलाओं को गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए क्योंकि माता गौरी तथा भगवान शंकर की कृपा से गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात गौरी शंकर रुद्राक्ष पहनने के फायदे प्राप्त होते हैं। जिससे स्त्रियों के गर्भधारण न कर पाने की समस्या समाप्त हो जाती है, तथा महिलाएं अतिशीघ्र गर्भवती होती हैं और अपने परिवार को संतान सुख प्रदान करते हैं तथा उनका जीवन संतान सुख पाकर धन्य हो जाता है। 

पारिवारिक शांति के लिए

पारिवारिक शांति के लिए

यदि आप अपने रिश्ते तथा परिवार में शांति चाहते हैं तथा अपना जीवन सुख शांति पूर्वक व्यतीत करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपने सभी संबंधियों से अच्छे रिश्ते रखने होते हैं, जिसके कारण आप सभी को पसंद करते हैं तथा आपको भी सभी पसंद करते हैं, जिससे आपके परिवार के रिश्ते अच्छे बने रहते हैं और आपके जीवन में सुख शांति तथा आपसे प्रेम बना रहता है। किंतु कुछ ऐसे परिवारिक रिश्ते होते हैं जिनको हम बहुत अधिक प्रयास करने के पश्चात भी शांतिपूर्वक बनाए रखने में असफल हो जाते हैं। हमारे बहुत प्रयास करने के पश्चात भी यह रिश्ते हमें अपने जीवन में शांति प्रदान नहीं करते हैं, जिनके कारण व्यक्ति का मानसिक संतुलन खराब हो जाता है या फिर व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान रहने लगता है। इसलिए परिवारिक शांति व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है जीवन में सभी रिश्तो में सामान्य से बनाए रखते हुए परिवार में शांति पूर्वक जीवन निर्वाह करने के लिए आप गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं, जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी होता है, इससे आप अपने परिवारिक रिश्ते मधुर तथा शांतिपूर्वक बनाए रख सकते हैं तथा सभी की नजरों में आप प्रिय बने रहते हैं। यह रुद्राक्ष खास करके प्रेमी जोड़ों के लिए बहुत ही उपयुक्त होता है या फिर पति पत्नी के बीच परिवारिक शांति बनाए रखने के लिए इसका प्रयोग बहुत अधिक मात्रा में लोग करते हैं।

आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए

आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए

बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो अपने जीवन में पूरे जीवन बहुत अधिक मेहनत तथा परिश्रम करते हैं और पैसा कमाने का प्रयास करते हैं, लेकिन अत्यधिक परिश्रम के पश्चात भी उनको अपने जीवन तथा परिवारिक आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं मिलता है। वहीं कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो अपनी जिंदगी को बड़ी आसानी से व्यतीत करते हैं फिर भी उनके पास पैसे की कमी नहीं होती है। इस प्रकार मेहनत ना करने वाला व्यक्ति अमीर बन जाता है और मेहनत करने वाला व्यक्ति गरीब बन जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि आपकी कुंडली में ग्रह तथा नक्षत्र के दोष के कारण आपके पास धन रुकता नहीं है जिससे आप चाहे जितना पैसा कमा लें आप गरीब के गरीब बने ही रहते हैं इसलिए अत्यधिक मेहनत करने के लिए उपरांत भैया दिया आर्थिक समस्या से गुजर रहे हैं, तो आपको गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने की आवश्यकता है, जैसे ही आपको भी शंकर रुद्राक्ष धारण करते हैं आपके पास पैसा ही पैसा इकट्ठा हो जाता है और आपको आर्थिक समस्या से राहत मिलती है, जिससे आप अपने जीवन की प्रत्येक जरूरी चीज बड़े आसानी से खरीद सकते हैं और ऐसो आराम से अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं। अपने जीवन में आर्थिक समस्याओं से बचने के लिए भगवान शंकर तथा माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष आपके जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन करता है इससे या सुख समृद्धि तथा धनवान हो जाते हैं।

सोते वक्त बुरे सपनों से बचने के लिए 

सोते वक्त बुरे सपनों से बचने के लिए 

बहुत सारे लोग सोते वक्त कुछ ऐसे सपने देखते हैं जो उनके लिए बहुत ही भयानक तथा डरावने होते हैं सामान्य परिस्थितियों में सपने तो सभी देखते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे सपने भी देखते हैं जो केवल डरावने होते हैं। सोते वक्त लगातार डरावने सपने देखने के कारण व्यक्ति का मानसिक स्तर खराब होने लगता है अर्थात व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान हो जाता है, इसके अलावा कुछ लोगों का मानना है कि जिन सपनों को हम लगातार देखते हैं उनसे हमारा कोई ना कोई संबंध अवश्य होता है। यदि आप लगातार डरावने तथा खुद को नुकसान पहुंचाने वाले सपने देखते हैं तो निश्चित रूप से ही आपके जीवन में कुछ ऐसी घटना घटने वाली होती है जो आपके लिए बहुत ही बड़ा चिंता का विषय हो सकता है। अतः यह घटना आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है इसलिए ऐसी घटनाओं से बचने के लिए तथा रात में सोते वक्त बुरे सपनों से बचने के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण किया जाता है गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने से भूत प्रेत जादू टोना तथा मंत्र की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं और आपको बुरे सपने आना बंद हो जाते हैं, जिससे आपका मानसिक स्तर बढ़ता है और आप अपने आप को स्वस्थ तथा सुरक्षित महसूस करते हैं।

संतान सुख प्राप्त करने के लिए

संतान सुख प्राप्त करने के लिए

बहुत सारे पति पत्नी ऐसे होते हैं जो विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं के कारण संतान सुख से वंचित रह जाते हैं, जिनके कारण उन्हें अपने कुल का बारिश नहीं मिलता है और उनके कुल का दीपक उन्हें ना प्राप्त होने के कारण उनका वंश वहीं से समाप्त हो जाता है। ऐसा ऐसे परिवारों के लिए बहुत ही दुख का कारण होता है किंतु यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं और आपको संतान सुख प्राप्त नहीं हो रहा है, संतान सुख प्राप्त ना होने के कोई भी कारण हो सकता है उसके लिए पति या पत्नी कोई भी जिम्मेदार हो सकता है, किंतु यदि आप ऐसी समस्याओं से गुजर रहे हैं तो आप अपने जीवन में खुद को तथा अपने परिवार को संतान सुख प्रदान करने के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। यह रुद्राक्ष आपको आपके जीवन में होने वाली शारीरिक समस्याओं को दूर करता है तथा आपको संतान सुख प्रदान करता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात बहुत सारे लोगों ने अपने उम्र के अंतिम समय में संतान प्राप्त किया है, इसलिए आपकी अभी तक यदि संतान सुख से वंचित हैं और आपने सभी प्रयास कर लिए हैं तो आप को निश्चित रूप से ही गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करके माता गौरी तथा भगवान शिव के चरणों में विनती करनी चाहिए जिससे आपको निश्चित रूप से ही संतान सुख प्राप्त होता है। 

हीलिंग पावर बढ़ाने के लिए

हीलिंग पावर बढ़ाने के लिए

व्यक्ति के जीवन में अगर लगातार विभिन्न प्रकार की समस्याएं चिंता तथा तनाव बना रहता है, तो व्यक्ति विभिन्न प्रकार के मानसिक समस्याओं का शिकार हो जाता है तथा व्यक्ति की मानसिक स्थिति अच्छी नहीं रहती है। इसलिए यदि व्यक्ति लंबे समय तक मानसिक समस्याओं तथा तनाव से परेशान रहने के कारण व्यक्ति की मानसिक स्थिति खराब हो गई है और ऐसे व्यक्ति को सामान्य रूप में पुनः लाने के लिए व्यक्ति को मानसिक रूप से हीलिंग पहुंचाना बहुत ही आवश्यक होता है और इसके लिए व्यक्ति को किसी ऐसे माहौल में डाला जाता है, जहां पर उसे सुख की प्राप्ति होती है तनाव से वह दूर रहता है तथा उसे किसी प्रकार की समस्या नहीं होती है। ऐसी यदि व्यक्ति को ऐसे माहौल में लंबे समय तक रखा जाता है तो उसका मस्तिष्क धीरे-धीरे हील होना शुरू होता है, जिससे वह पुनः सामान्य स्थिति में पहुंच जाता है किंतु इस हीलिंग पावर को बढ़ाने के लिए तथा व्यक्ति की मानसिकता को अतिशीघ्र पुनः ठीक करने के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है। यदि व्यक्ति गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करता है तो सबसे पहले उसे तो भगवान शंकर तथा माता पार्वती की कृपा से सभी प्रकार के दुख दर्द तथा समस्याएं दूर हो जाती हैं तथा उसे अपनी जिंदगी को पुनः रिकवर करने में मदद मिलती है। इसलिए मानसिक समस्याओं से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए यह आपको शुभ शांति तथा मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाता है।

मानसिक ज्ञान को बढ़ाने के लिए

आधुनिक समय में व्यक्ति को अपने जीवन के सर्वाइबल के लिए बहुत अधिक कंपटीशन हो बीट करना पड़ता है, जिसके कारण व्यक्ति के पास बहुत अधिक ज्ञान होने की आवश्यकता है, जो व्यक्ति अपने मानसिक स्तर को विकसित नहीं कर पाता है तथा अत्यधिक ज्ञान में ही प्राप्त करता है। वह आधुनिक कंपटीशन से पार नहीं पाता है तथा उसे किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त नहीं होती है। आधुनिक समय में छात्रों को भी देखा जाता है कि जो छात्र पढ़ाई लिखाई में कमजोर होते हैं। वह अपने जीवन में कुछ नहीं कर पाते क्योंकि बढ़ती जनसंख्या तथा बढ़ती टेक्नोलॉजी के कारण इतना अधिक कंपटीशन हो गया है की कमजोर ज्ञान के कारण कुछ भी कर पाना संभव नहीं है। इसलिए यदि आप अपनी मानसिक ज्ञान के स्तर को बढ़ाना चाहते हैं तथा अपनी स्मरण शक्ति को मजबूत करना चाहते हैं या फिर आप एक विद्यार्थी हैं और आप अपने विद्यार्थी जीवन में अच्छा ज्ञान अर्जित करके सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने की आवश्यकता है जो आपके मस्तिष्क का विकास करता है जिससे आपके मानसिक स्तर की वृद्धि होती है और आप की स्मरण शक्ति मजबूत रहती है, जिसके साथ ही आपके मासिक ज्ञान का विकास होता है और आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। यह सफलता आपके जीवन को सुख समृद्धि तथा ऊर्जावान के साथ-साथ धनवान बनाती है।

गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने की विधि

यदि आप उपरोक्त सभी समस्याओं से बचने के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो आपके लिए यह सूचना सबसे उपयोगी होगी कि आपको गौरी शंकर रुद्राक्ष पूर्ण विधि-विधान तथा नियम पूर्वक यह धारण करना है क्योंकि यदि आप विधि-विधान पूर्वक गौरी शंकर रुद्राक्ष नहीं धारण करते हैं, तो आपको इसका कोई भी लाभ प्राप्त नहीं होता है क्योंकि जब आप नियम तथा विधि पूर्वक रुद्राक्ष धारण करते हैं, तो रुद्राक्ष की शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं और उसमें सकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित होती है जिससे इस ऊर्जा का प्रभाव आपके जीवन पर पड़ता है और आपको इसका लाभ प्राप्त होता है। इसलिए गौरी शंकर रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सोमवार के दिन का निर्धारण करके शरीर को शुद्ध करके तथा शुद्ध वस्त्र धारण करके गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने के निम्नलिखित विधि है।

  • गौरी शंकर रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सोमवार के दिन का चयन करना चाहिए।
  • गौरी शंकर रुद्राक्ष को यदि सावन के सोमवार के दिन धारण किया जाए तो यह अति फलदायक होता है।
  • इस रुद्राक्ष को धारण करने के लिए स्नान करने के पश्चात शुद्ध वस्त्र धारण करना तथा पूजा घर में  आसन स्थापित करना चाहिए।
  • सर्वप्रथम गौरी शंकर रुद्राक्ष को पंचामृत तथा गंगाजल से स्नान कराने के पश्चात उसे शुद्ध स्थान पर रखना चाहिए।
  • स्नान के पश्चात गौरी शंकर रुद्राक्ष में चंदन का लेप लगाकर उसे पीपल की पत्तियों या लाल कपड़े के ऊपर रखना चाहिए।
  • गौरी शंकर रुद्राक्ष की पूजा करने के लिए उसे धूप दीप तत्काल नैवेद्य अर्पित करने चाहिए।
  • गौरी शंकर रुद्राक्ष की पूजा के लिए ऊं नम: ​शिवाय का या फिर ऊं अर्धनारीश्वराय नम: मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए।
  • 108 बार मंत्र के जाप के पश्चात गौरी शंकर रुद्राक्ष हो लाल धागे या सोने चांदी के आभूषण में धारण करना चाहिए।
  • रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात गौरी शंकर रुद्राक्ष के सामने रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात गलत कार्यों को ना करने का संकल्प लिया जाता है।
  • संकल्प लेने के लिए हाथ में पुष्प चावल तथा गंगाजल लेकर भगवान शंकर तथा पार्वती को साक्षी मानते हुए रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात गलत कार्य करना करने के लिए अपना नाम तथा अपने पुत्र के नाम के साथ शपथ लेते हैं।
  • इसके पश्चात माता पार्वती तथा भगवान शंकर का जयकारा लगाते हुए पूजा समाप्त करते हैं।

निष्कर्ष

गौरी शंकर रुद्राक्ष एक ऐसा रुद्राक्ष है जिसमें माता पार्वती तथा भगवान शंकर दोनों विद्यमान होते हैं तथा इसे धारण करने वाले व्यक्ति को दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और यह रुद्राक्ष अपनी विशेष बनावट के कारण भी बहुत अधिक प्रचलित होता है, क्योंकि इसमें दो रुद्राक्ष आपस में जुड़े होते हैं जिसके कारण यह अन्य सभी रुद्राक्षों से अलग होता है अलग संरचना तथा अलग प्रकार के इस रुद्राक्ष को विभिन्न प्रकार की समस्याओं को हल करने के लिए धारण किया जाता है। यह रुद्राक्ष मुख्य रूप से परिवारिक रिश्ते तथा पति-पत्नी के मध्य हो ने वाली समस्याओं को हल करने के लिए धारण किया जाता है, इसके अलावा इसको धारण करने से किसी भी महिला पुरुष को विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है तथा संतान संबंधी समस्याएं हल होती है अर्थात यह रुद्राक्ष सभी क्षेत्रों में धारण करने वाले व्यक्ति को लाभ प्रदान करता है। उपरोक्त लेख में गौरी शंकर रुद्राक्ष के फायदे तथा धारण करने की विधि के बारे में वर्णन किया गया है जो आपके लिए बहुत उपयोगी हो सकता है।

लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न

गौरी शंकर रुद्राक्ष क्या काम करता है?

गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने से पति पत्नी के रिश्ते के मध्य मधुरता बनी रहती है जिसके कारण उनके रिश्ते शांतिपूर्वक तथा आपसी सहयोग से आगे बढ़ते रहते हैं। इसलिए गौरी शंकर रुद्राक्ष को परिवारिक शांति तथा परिवारिक रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए धारण किया जाता है, इसके अलावा इसका मुख्य रूप से धारण करने का उद्देश्य जिन लोगों की शादी नहीं होती है या शादी होने में विलंब होता है उनको अति शीघ्र सुयोग्य वर तथा कन्या प्राप्त होती है जिससे व्यक्ति विवाह संबंध स्थापित करता है और अपने जीवन में खुशहाली पूर्वक जीवन व्यतीत करता है।

गौरी शंकर रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें?

गौरी शंकर रुद्राक्ष की पहचान सबसे आसान होती है क्योंकि इसमें दो रुद्राक्ष आपस में जुड़े हुए होते हैं, जो भगवान शंकर तथा माता पार्वती का रूप होते हैं। यह अन्य रुद्राक्ष से अलग बनावट वाला रुद्राक्ष होता है तथा इस रुद्राक्ष की असली पहचान करने के लिए इसे गर्म उबलते पानी में डालने पर इसमें कोई परिवर्तन नहीं होता है

गौरी शंकर रुद्राक्ष किसे नहीं पहनना चाहिए?

गौरी शंकर रुद्राक्ष किसी भी ऐसे व्यक्ति को नहीं धारण करना चाहिए जो मांस मदिरा तथा शराब का सेवन करता हो या फिर वह अनैतिक कार्य करता हूं इसके अलावा इस रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात झूठ नहीं बोलना चाहिए तथा रुद्राक्ष धारण करते हुए श्मशान घाट का शव यात्रा में नहीं जाना चाहिए।

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