तिहाड़ जेल सन् 1957 से कुख्यात कैदियों की सेवा में है, सन् 1966 में इसकी बागडोर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को दे दी गई थी
तिहाड़ जेल में 5250 कैदियों को रखने की सुविधा है, मगर यहां 13000 कैदी रहते हैं
तिहाड़ जेल में बंद दोषसिद्ध कैदियों के अलावा 95% अंडरट्रायल कैदी हैं
TJ’S तिहाड़ जेल का ब्रांड है, इस ब्रांड के भीतर तिहाड़ जेल के भीतर रह रहे कैदियों द्वारा बनाई गईं वस्तुए बिकती हैं.
भारी सिक्युरिटी होते हुए भी सन् 2015 के जून माह में तिहाड़ जेल के दो कैदियों ने रात के दौरान एक दीवार के नीचे से 10 फीट की सुरंग खोद डाली थी, ताकि वे वहां से भाग सकें
चार्ल्स शोभराज जो एक अंतर्राष्ट्रीय सीरियल किलर था, तिहाड़ जेल से 16 मार्च सन् 1986 को भाग निकला था, हालांकि उसे जल्द ही दोबारा पकड़ लिया गया
तिहाड़ जेल की भारी निगरानी और सुरक्षा के होते हुए भी भीतर से ही लगभग 20 क्रिमिनल गैंग और 30 छोटे गैंग काम करते हैं
जेल के भीतर ख़ून-खराबा आम हो गया है और जैम्बर लगे होने के वावजूद मोबाइल फोन का इस्तेमाल बड़ी आसानी से किया जाता है
सुरक्षा के लिए यहाँ 75000 कैमरे लगे हैं और 15000 और लगाने वाले हैंजेल के अधिकारियों में पूरी तरह भ्रस्टता हो गई है जिसके कारण सुकेश के केश मे 80 अधिकारी दोषी पाए गए थे